facebookmetapixel
Income Tax: क्या आपको विरासत में मिले सोने पर भी टैक्स देना होगा? जानें इसको लेकर क्या हैं नियमTop-5 Mid Cap Fund: 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹4 लाख; हर साल मिला 34% तक रिर्टनभारत-इजरायल ने साइन की बाइलेट्रल इन्वेस्टमेंट ट्रीटी, आर्थिक और निवेश संबंधों को मिलेगी नई मजबूतीभारत में जल्द बनेंगी सुपर एडवांस चिप्स! सरकार तैयार, Tata भी आगे₹100 से नीचे ट्रेड कर रहा ये दिग्गज स्टॉक दौड़ने को तैयार? Motilal Oswal ने दी BUY रेटिंग; चेक करें अगला टारगेटअमेरिका टैरिफ से FY26 में भारत की GDP 0.5% तक घटने की संभावना, CEA नागेश्वरन ने जताई चिंताPaytm, PhonePe से UPI करने वाले दें ध्यान! 15 सितंबर से डिजिटल पेमेंट लिमिट में होने जा रहा बड़ा बदलावVedanta Share पर ब्रोकरेज बुलिश, शेयर में 35% उछाल का अनुमान; BUY रेटिंग को रखा बरकरारGST कटौती के बाद खरीदना चाहते हैं अपनी पहली कार? ₹30,000 से ₹7.8 लाख तक सस्ती हुई गाड़ियां; चेक करें लिस्टविदेशी निवेशकों की पकड़ के बावजूद इस शेयर में बना ‘सेल सिग्नल’, जानें कितना टूट सकता है दाम

GST की चोट से 14 फीसदी तक फिसले Delta Corp और Nazara के शेयर

GST संभवत: पूरी कारोबार वैल्यू पर लगाया जाएगा, जो प्लेटफॉर्म पर दांव की पूरी वैल्यू है

Last Updated- July 12, 2023 | 10:32 PM IST
HP bets big on gaming and SMB deals in India amid PC market headwinds

डेल्टा कॉर्प और नजारा टेक्नोलॉजिज के शेयर बीएसई पर बुधवार के कारोबारी सत्र में 14 फीसदी तक टूट गए क्योंकि जीएसटी परिषद ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग पर एक समान 28 फीसदी कराधान की मंजूरी दे दी।

जीएसटी संभवत: पूरी कारोबार वैल्यू पर लगाया जाएगा, जो प्लेटफॉर्म पर दांव की पूरी वैल्यू है।

वैयक्तिक शेयरों की बात करें तो डेल्टा पर कारोबारी सत्र के शुरुआती दौर में 10 फीसदी का लोअर ​सर्किट लगा और यह 222.15 रुपये का रह गया और इसमें सिर्फ विक्रेता ही नजर आए। कुल मिलाकर 6.80 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। एनएसई व बीएसई पर कुल 2.32 करोड़ शेयरों के पेंडिंग सेल ऑर्डर थे।

भारी वॉल्यूम के कारण नजारा टेक का शेयर कारोबारी सत्र में 14 फीसदी टूटकर 605 रुपये पर आ गया। अभी यह शेयर बीएसई पर 6 फीसदी नीचे है। इसमें औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम पांच गुना उछल गया। कुल मिलाकर एनएसई व बीएसई पर 25 लाख शेयरों का कारोबार हुआ।

केपीएमजी इंडिया के पार्टनर व ​उप-प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) संतोष दलवी ने कहा, इस फैसले से गेमिंग इंडस्ट्री पर असर पड़ सकता है, जिसमें विदेशी एंटरप्राइजेज शामिल हैं। जीएसटी के चलते ऐसी कंपनियों को पिछली अवधि समेत अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है क्योंकि यह संशोधन आसानी से समझने योग्य है।

स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में नजारा ने स्पष्ट किया कि जब यह कर लागू होगा तब सिर्फ उसके कारोबार के स्किल आधारित रियल मनी गेमिंग पर ही लागू होगा। 2022-23 में कंपनी के कुल एकीकृत राजस्व में इस सेगमेंट का योगदान 5.2 फीसदी था। नजारा ने कहा, कारोबार के इस सेगमेंट पर संभावित असर को कम करने के लिए हम कदम उठाएंगे और हमारा अनुमान है कि कुल राजस्व पर इसका न्यूनतम असर होगा।

आईडीबी​आई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, निवेशक के नजरिये से देखें तो यह कदम शेयरधारकों व कंपनियों को झटका दे सकता है। उन्होंने कहा, कराधान की ऐसी ऊंची दर बाजारों को पसंद नहीं आया और संबंधित शेयरों में तेज गिरावट आई।

निवेशकों व कंपनियों को 28 फीसदी कराधान से नुकसान होगा। मोटे तौर पर बाजार वैसी कंपनियों व शेयरों को पसंद नहीं करता, जहां बहुत ज्यादा विनियमन व उच्च कराधान हो। निवेशकों को कम से कम अभी इन शेयरों को लेकर स्पष्ट रुख रखना चाहिए।

इस बीच, भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार रियल मनी गेम व नॉन रियल मनी गेम में बंटा हुआ है। रियल मनी वाला गेम स्किल आधारित होता है, जिसे रियल मनी के लिए खेला जा सकता है। नॉन रियल मनी वाले गेम वे होते हैं जहां वास्तविक रकम शामिल नहीं होती। अभी रमी, पोकर और फैंटेसी आदि रियल मनी गेम की श्रेणी में अग्रणी गेम हैं। नॉन-रियल मनी वाले गेम हाइपर कैजुअल व कैजुअल और मिडकोर व हार्डकोर गेम में बंटे हुए हैं, जो लर्निंग कर्व व मुश्किलों के विभिन्न स्तरों पर आधारित है।

First Published - July 12, 2023 | 10:32 PM IST

संबंधित पोस्ट