सरकार ने रियल एस्टेट के मुद्दों से निपटने के लिए समिति बनाने का मंगलवार को प्रस्ताव पेश किया। समिति में राष्ट्रीय आयोग, विभिन्न राज्यों के उपभोक्ता आयोग, रियल एस्टेट की नियामक (रेरा), भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड तथा उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मुंबई गोलमेज सम्मेलन के बाद यह प्रस्ताव पेश किया गया।
उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया था। यह सम्मेलन उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए हुआ था। इस सम्मेलन के दौरान मंत्रालय ने कुछ सुझाव पेश किए थे।
इनमें समिति का गठन, लागू होने से पहले खरीदारों को मसौदे का समझौता भेजना व सभी समझौतों में मकान खरीदने वालों के लिए अलग होने का उपबंध आदि के सुझाव थे। विभाग ने यह भी सुझाव दिया था कि समझौते के पहले पेज पर स्पष्ट रूप से अधिकृत एजेंसियों से मंजूरियों व स्वीकृतियों का उल्लेख हो।