जेपी मॉर्गन द्वारा अपने उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक में सरकारी बॉन्डों को शामिल करने की घोषणा के कुछ दिन बाद कई बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) और बॉन्ड जारी करके सोमवार और मंगलवार को ऋण बाजार से 18,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में हैं।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने मंगलवार को 5 साल के सामाजिक प्रभाव बॉन्डों के माध्यम से 3,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। भारत में इस तरह का यह पहला बॉन्ड होगा।
बाजार हिस्सेदारों का अनुमान है कि नाबार्ड के सोशल सेक्टर बॉन्ड की निवेशकों की ओर से तगड़ी मांग रहेगी। मांग की प्राथमिक वजह इसकी अवधि है, जिससे म्युचुअल फंड हाउसों के साथ बीमा कंपनियां और पेंशन फंड हाउसों जैसे दीर्घावधि निवेशक आकर्षित होंगे।
जेएम फाइनैंशियल में प्रबंध निदेशक और इनवेस्टमेंट ग्रेड ग्रुप के प्रमुख अजय मालग्लुनिया ने कहा, ‘पिछले कुछ दिन या सप्ताह के दौरान बाजार में कुछ तेजी रही है। बाजार अस्थिर था और प्रतिफल बढ़ रहा था।
निवेशकों को यह निश्चित नहीं था कि दरें कब ऊपर जा रही हैं और कब नीचे जा रही हैं। इसलिए निवेशक ठहर रहे थे। अब वैश्विक सूचकांक में शामिल किए जाने की खबर के बाद जो लोग बेहतर की तलाश में रुके हुए थे, बाजार में आ रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘बुनियादी ढांचा क्षेत्र सहित सभी क्षेत्र में बैंकों से कर्ज लिया जा रहा है। बैंकों के लिए धन जुटाने का इन्फ्रा बॉन्ड बेहतर साधन हो सकता है, क्योंकि इसमें एसएलआर (सांविधिक तरलता अनुपात) की जरूरत नहीं लागू होती।
कम अवधि की दरों की तुलना में यह सस्ता धन है। 7.49 प्रतिशत एसबीआई इन्फ्रा बॉन्ड के लिए एक स्तर है। सभी लोग अगुआ के रास्ते पर चलते हैं, खासकर ऐसे समय में जब वे देख रहे हैं कि एसबीआई इतना ज्यादा धन तेजी से जुटाने में सक्षम है।’
सोमवार को आरईसी ने अपने बिना अवधि वाले बॉन्डों के लिए बोली आमंत्रित की है, जिसके माध्यम से 2,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।
भारतीय स्टेट बैंक के कट-ऑफ का इंतजार कर रहे बैंक इस सप्ताह में बाजार में संभावना तलाशने के लिए तैयार है।
पंजाब नैशनल बैंक ने मंगलवार को बिना अवधि वाले बॉन्ड से 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है, जबकि केनरा बैंक 10 साल के इन्फ्रा बॉन्ड से 5,000 करोड़ रुपये जुटाएगा।
कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स ने 3 साल और 2 साल के बॉन्ड से क्रमशः 8.0359 प्रतिशत और 8.0415 प्रतिशत कूपन दर से 540 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है।
शुक्रवार को एसबीआई ने 15 साल के बॉन्डों से 7.49 प्रतिशत कूपन दर पर 1,000 करोड़़ रुपये जुटाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्डों के दूसरे खंड को सफलतापूर्वक जारी किया, जिसका प्रदर्शन बाजार की उम्मीदों से बेहतर रहा था।
रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और प्रबंध साझेदार वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘जेपी मॉर्गन की घोषणा के बाद कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार में तेजी है। बैंकिंग व्यवस्था में ऋणात्मक नकदी और कर्ज की उठान बढ़ने के साथ कॉर्पोरेट इकाइयां बॉन्ड बाजार से धन जुटाने को इच्छुक थीं। दीर्घावधि निवेशकों की धारणा भी बेहतर हुई है।’
शुक्रवार को जेपी मॉर्गन ने उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक में भारत को शामिल किए जाने की घोषणा की थी।