अदाणी समूह (Adani Group) की कंपनियों ने आज बताया कि उन्हें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से कारण बताओ नोटिस मिले हैं। ये नोटिस खास तौर पर संबंधित पक्ष के लेनदेन मामले में अनुपालन नहीं करने के लिए दिए गए हैं। मगर इस खबर का कंपनियों के शेयरों पर मामूली असर पड़ा और शेयर थोड़े घट-बढ़ के साथ बंद हुए।
अदाणी नाम से शुरू होने वाली सातों सूचीबद्ध कंपनियों ने 2023-24 के लिए वित्तीय नतीजे घोषित करते समय कहा कि बाजार नियामक ने खुलासा मानदंडों का अनुपालन नहीं होने पर सफाई मांगी है। सभी कंपनियों ने कहा कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है और उनकी वजह से वित्तीय नतीजों में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है।
समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने कहा कि जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में उसे सेबी से दो नोटिस मिले हैं। इनमें कुछ खास संबंधित पक्ष लेनदेन में सूचीबद्धता समझौते के प्रावधानों का अनुपालन नहीं होने का आरोप लगाया गया है और पिछले वर्षों में वैधानिक ऑडिटरों के पीयर रिव्यू सर्टिफिकेट की वैधता के बारे में सफाई मांगी गई है।
समूह की दूसरी कंपनियों- अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी पावर, अदाणी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड, अदाणी विल्मर, अदाणी टोटाल गैस और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस- ने भी स्टॉक एक्सचेंजों को अलग-अलग जानकारी देकर बताया कि उन्हें भी पिछले वर्षों में संबंधित पक्ष के कुछ खास लेनदेन पर सेबी ने ऐसे नोटिस जारी किए हैं।
इस खुलासे का अदाणी की किसी भी कंपनी के शेयर पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा। अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सबसे ज्यादा 0.76 फीसदी चढ़कर बंद हुआ और अदाणी ग्रीन (Adani Green) में 0.57 फीसदी बढ़त रही। सबसे ज्यादा 2.12 फीसदी गिरावट अदाणी विल्मर में देखी गई मगर अदाणी पावर और अदाणी टोटाल गैस में 1 फीसदी से भी कम गिरावट रही।
एक्सचेंज को दी सूचना में किसी भी कंपनी ने आरोपों का ब्योरा नहीं दिया और न ही उसमें शामिल संबंधित पक्षों के नाम बताए। बाजार नियामक अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में आरोप लगने के बाद से अदाणी समूह की जांच कर रहा है।
रिपोर्ट में अदाणी समूह की कंपनियों पर संबंधित पक्ष के लेनदेन संबंधी मानदंडों का उल्लंघन, न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के प्रावधानों का उल्लंघन, बहुत कम कर वसूलने वाले देशों का दुरुपयोग करने शेयरों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है।
कानून विशेषज्ञों ने कहा कि ये आरोप गंभीर नहीं लग रहे हैं, इसलिए बाजार ने इन्हें तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा कि सूचीबद्धता दायित्व एवं खुलासा आवश्यकता (एलओडीआर) कानून के उल्लंघन के मामले को आम तौर पर आपसी सहमति या मामूली जुर्माने के साथ निपटा दिया जाता है।