इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन (आईआरएफसी), पॉलीकैब इंडिया, मैक्रोटक डेवलपर्स (लोढ़ा) समेत आठ शेयर मिडकैप से लार्जकैप में शामिल हो रहे हैं। इस बीच, अगले महीने होने वाली पुनर्संतुलन (रीबैलेंसिंग) की अर्धवार्षिक कवायद के दौरान 13 शेयर स्मॉलकैप से मिडकैप में शामिल होंगे।
पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रायट्स ने कहा कि 1 जुलाई से 31 अक्टूबर के बीच औसत बाजार पूंजीकरण के आधार पर कई शेयर विभिन्न मार्केट कैप सेगमेंट में शामिल होने की संभावना है। हालांकि करीब एक तिहाई समीक्षा अवधि अभी पूरी होनी है। लिहाजा, सूची में बदलाव होंगे क्योंकि शेयरों की कीमतें बढ़ रही हैं।
श्रीराम फाइनैंस, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन और पावर फाइनैंस जैसे शेयर लार्जकैप यूनिवर्स में शामिल होने के लिहाज से तगड़े दावेदार हैं।
इस बीच, लार्जकैप से कमतर होकर मिडकैप में शामिल होने की संभावना वाले शेयरों में यूपीएल, अदाणी विल्मर, आईआरसीटीसी, पीआई इंडस्ट्रीज, बॉश, ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स, हीरो मोटोकॉर्प और संवर्धन मदरसन के नाम बताए जा सकते हैं।
द एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) हर छह महीने में शेयरों का वर्गीकरण करता है। यह कैलेंडर वर्ष के पहले छह महीने में उसके औसत बाजार पूंजीकरण पर आधारित होता है।
औसत बाजार पूंजीकरण के लिहाज से 100 अग्रणी शेयर लार्जकैप में शामिल होने के पात्र होते हैं। इससे नीचे वाली 150 कंपनियां मिडकैप और बाकी स्मॉलकैप की पात्र होती हैं।यह बदलाव शेयरों के उन पोर्टफोलियो पर असर डालते हैं, जिनकी प्रबंधन परिसंपत्तियां करीब 11 लाख करोड़ रुपये है।
स्मॉलकैप से मिडकैप में शामिल होने की संभावना वाले शेयरों में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, सुजलॉन एनर्जी, लॉयड मेटल्स, एसजेवीएन, कल्याण ज्वैलर्स व क्रेडिटएक्सेस ग्रामीण शामिल हैं।
नई सूचीबद्ध फर्म जियो फाइनैंशियल व जेएसडब्ल्यू इन्फ्रा सीधे तौर पर क्रमश: लार्जकैप व मिडकैप में शामिल होंगी। एचडीएफसी बैंक व एचडीएफसी के विलय के बाद अभी 99 शेयरों को लार्जकैप के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।