facebookmetapixel
Gratuity Calculator: ₹50,000 सैलरी और 10 साल की जॉब, जानें कितना होगा आपका ग्रैच्युटी का अमाउंटट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने BRICS गठबंधन पर साधा निशाना, कहा- यह पिशाचों की तरह हमारा खून चूस रहा हैGold, Silver price today: सोने का वायदा भाव ₹1,09,000 के आल टाइम हाई पर, चांदी भी चमकीUPITS-2025: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 का उद्घाटन, रूस बना पार्टनर कंट्रीGST कट के बाद ₹9,000 तक जा सकता है भाव, मोतीलाल ओसवाल ने इन दो शेयरों पर दी BUY रेटिंग₹21,000 करोड़ टेंडर से इस Railway Stock पर ब्रोकरेज बुलिशStock Market Opening: Sensex 300 अंक की तेजी के साथ 81,000 पार, Nifty 24,850 पर स्थिर; Infosys 3% चढ़ानेपाल में Gen-Z आंदोलन हुआ खत्म, सरकार ने सोशल मीडिया पर से हटाया बैनLIC की इस एक पॉलिसी में पूरे परिवार की हेल्थ और फाइनेंशियल सुरक्षा, जानिए कैसेStocks To Watch Today: Infosys, Vedanta, IRB Infra समेत इन स्टॉक्स पर आज करें फोकस

हड़ताल के कारण टोयोटा का संयंत्र बंद

Last Updated- December 14, 2022 | 8:54 PM IST

प्रमुख वाहन कंपनी टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन ने कहा है कि उसके भारतीय कार संयंत्र में यूनियन की हड़ताल जारी रहने के कारण सोमवार को परिचालन फिर से रोकना पड़ा। कंपनी ने कहा है कि उसके श्रमिक यूनियन के अधिकतर सदस्यों ने हड़ताल जारी रखी है। यूनियन के हड़ताल पर जाने के कारण कर्नाटक के औद्योगिक हब बिडाडी में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) की दोनों फैक्टरियों को 10 नवंबर तक बंद करने की घोषणा की गई थी। उस दौरान एक श्रमिक के निलंबन को वापस लेने की यूनियन की मांग पूरी नहीं की गई थी।
कंपनी के प्रवक्ता ने आज कहा कि राज्य सरकार के श्रम विभाग ने कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही प्रबंधन की ओर से कानूनी तौर पर 19 नवंबर से बंद की घोषणा की गई थी और परिचालन सुचारु करने का निर्देश दिया गया था।
टीकेएम द्वारा परिचालन बंद करने की घोषणा को वापस लिए जाने के बाद कुछ ही श्रमिक काम पर लौटे। कंपनी ने कहा, ‘संयंत्र के परिचालन को प्रभावी तौर पर सुचारु करने के लिए हरेक पाली में 90 फीसी न्यूनतम कार्यबल की आवश्यकता होती है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह विनिर्माण गतिविधि के लिए व्यवहार्य नहीं है।’

अगले 12 से 18 माह में बढ़ेेगा एनपीए: एसऐंडपी
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के फंसे ऋण (एनपीए) अगले 12 से 18 माह के दौरान बढ़कर कुल ऋण के 11 प्रतिशत तक पहुंच सकते हैं। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को यह अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऋण को डूबे कर्ज के रूप में वर्गीकृत नहीं करने की वजह से दबाव वाली संपत्तियां छुप जा रही हैं। कोविड-19 महामारी की वजह से इन संपत्तियों पर दबाव बना है। एसऐंडपी ने कहा कि इस साल कुल कर्ज में एनपीए के अनुपात में काफी गिरावट के बाद वित्तीय संस्थानों के लिए आगे इसे कायम रख पाना मुश्किल होगा।
एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की क्रेडिट विश्लेषक दीपाली सेठ-छाबडय़िा ने कहा, ‘दूसरी तिमाही में वित्तीय संस्थानों का प्रदर्शन हमारी उम्मीद से बेहतर रहा है। इसकी प्रमुख वजह छह माह तक कर्ज की किस्त के भुगतान पर स्थगन तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा किसी कर्जदार के खाते को गैर-निष्पादित आस्तियों के रूप में वर्गीकृत करने की रोक है।’ भाषा

First Published - November 24, 2020 | 11:38 PM IST

संबंधित पोस्ट