facebookmetapixel
GST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तारहाइब्रिड निवेश में Edelweiss की एंट्री, लॉन्च होगा पहला SIFएफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशनउच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकता

बकरा कितना भारी.. एआई देगी जानकारी

CIRG तस्वीर प्रोसेस करने वाला एक नया एआई ऐप्लिकेशन तैयार कर रहा है, जो बकरे-बकरियों का सटीक वजन तोलने में मदद करेगा।

Last Updated- June 05, 2025 | 11:15 PM IST
'Dumba' worth Rs 4.4 lakh and 'Totapari' goat worth Rs 2 lakh in Delhi's animal markets
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस अब बकरे का वजन भी तोलेगी! जी हां, बकरा खरीदने और बेचने वालों को उसके वजन या कीमत के बारे में अक्सर शुबहा होता था। मगर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का केंद्रीय बकरी शोध संस्थान (सीआईआरजी) तस्वीर प्रोसेस करने वाला एक नया एआई ऐप्लिकेशन तैयार कर रहा है, जो बकरे-बकरियों का सटीक वजन तोलने में मदद करेगा।

देश में बकरों का बाजार बेहद बंटा हुआ और असंगठित है, जो छोटे और सीमांत किसानों के लिए काम का नहीं है। कारोबारी अक्सर उन पर दबाव बनाकर बकरों को उनकी संख्या के हिसाब से खरीद ले जाते हैं। वे यह नहीं देखते कि उनकी गुणवत्ता, नस्ल, वजन कैसा है। देश में इस समय करीब 18 फीसदी बकरे-बकरी ब्लैक बंगाल नस्ल के हैं, जो उनकी सबसे आम नस्ल है और ज्यादातर पश्चिम बंगाल, बिहार तथा झारखंड में पाई जाती है।

सीआईआरजी की ऐप्लिकेशन बकरों की तस्वीर तीन अलग-अलग कोणों से लेगी और उनकी मदद से वजन का अनुमान लगाएगी। आईसीएआर-सीआईआरजी के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चटली ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि 2019 की पशुगणना के मुताबिक देश में करीब 15-16 करोड़ बकरे-बकरियां हैं जिनमें से 80 फीसदी से अधिक यानी करीब 12 करोड़ पूरी तरह खाने के लिए तैयार किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐप्लिकेशन 3-4 महीनों में जनता के इस्तेमाल के लिए पेश कर दिया जाएगा।

First Published - June 5, 2025 | 10:27 PM IST

संबंधित पोस्ट