अगले तीन से चार वर्षों में भारत की अपनी ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) होंगी। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी।
वैष्णव ने कहा, ‘हम अपने चिपसेट विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम विशेषज्ञों के साथ व्यापक चर्चा कर रहे हैं। आने वाले तीन से चार वर्षों में हमारे पास दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने खुद के जीपीयू होंगे।’ वैष्णव ने ये बातें इंडिया एआई मिशन का एक साल पूरा होने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं। कार्यक्रम में सरकार ने जीपीयू पोर्टल और एक गैर व्यक्तिगत डेटा सेट प्लेटफॉर्म- एआई कोष- को भी जारी किया।
वैष्णव ने कहा, ‘आज हमारे पास 15,000 ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) की औपचारिक कंप्यूट सुविधा है, जो हमारे तय लक्ष्य से कहीं अधिक है। 4,000 से अधिक जीपीयू पाइपलाइन में हैं और आने वाली तिमाहियों में कई और आएंगे।’ उन्होंने कहा कि 40 फीसदी लाभ मार्जिन मिलने के बाद इन जीपीयू का उपयोग करने की लागत ऐतिहासिक रूप से 100 रुपये प्रति घंटे से भी कम है।
उल्लेखनीय है कि इंडिया एआई मिशन को 10,000 जीपीयू के शुरुआती लक्ष्य के साथ पेश किया गया था। 10,738 करोड़ रुपये के बजट के साथ इसे पिछले साल मार्च में मंजूरी दी गई थी।