कंपनियां

Vedanta डिमर्जर के बाद भी नहीं थमेगा डिविडेंड, अनिल अग्रवाल ने दिया भरोसा

वेदांता के डीमरजर के बाद भी अनिल अग्रवाल ने लाभांश जारी रखने और 20 बिलियन डॉलर के विस्तार योजनाओं का भरोसा दिलाया।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 21, 2025 | 2:42 PM IST

Vedanta Group के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि कंपनी का लाभांश नीति उनके खून में है। उन्होंने शेयरधारकों को भरोसा दिलाया कि आगामी डीमरजर और विस्तार योजनाओं के बावजूद कंपनियां नियमित लाभांश भुगतान जारी रखेंगी।

वेदांता लिमिटेड के धातु से लेकर तेल और गैस तक के कारोबार को अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंगलवार को योजना को मंजूरी दे दी। डीमरजर के बाद बेस मेटल्स कारोबार वेदांता लिमिटेड में रहेगा, जबकि वेदांता एल्युमिनियम, तलवंडी साबो पावर, वेदांता स्टील एंड आयरन और मालको एनर्जी अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों के रूप में काम करेंगी।

अग्रवाल ने कहा, “लाभांश मेरे खून में है। चाहे जो भी हो, हमारी कंपनियां हमेशा लाभांश देंगी।” वेदांता पिछले कुछ वर्षों से भारत की शीर्ष लाभांश देने वाली बड़ी कंपनियों में शामिल रही है।

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में कंपनी ने 7 रुपये प्रति शेयर का पहला अंतरिम लाभांश (कुल 2,737 करोड़ रुपये) और 16 रुपये प्रति शेयर का दूसरा अंतरिम लाभांश (कुल 6,256 करोड़ रुपये) घोषित किया है। FY 2024-25 में कुल लाभांश लगभग 46 रुपये प्रति शेयर रहा।

अग्रवाल ने विस्तार योजनाओं का विवरण देते हुए कहा कि अगले 4-5 वर्षों में वेदांता कुल 20 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी। इसमें तेल और गैस तथा एल्युमिनियम में 4-4 बिलियन डॉलर, जिंक और सिल्वर में 2 बिलियन डॉलर, पावर में 2.5 बिलियन डॉलर और शेष निवेश आयरन, स्टील व अन्य कारोबारों में होगा।

सिल्वर उत्पादन को 2030 तक 1,500 टन तक दोगुना करने का लक्ष्य है, जबकि सीसा उत्पादन 4 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन प्रति वर्ष करने की योजना है। जिंक उत्पादन को भी 1.13 मिलियन टन से बढ़ाकर 2 मिलियन टन करने का लक्ष्य है। एल्युमिनियम में उत्पादन क्षमता 3 मिलियन टन से दोगुना करने की योजना है।

तेल और गैस में उत्पादन को शुरूआती तौर पर 3 लाख बैरल प्रति दिन और अगले 4-5 वर्षों में 5 लाख बैरल प्रति दिन तक बढ़ाने का लक्ष्य है। आयरन और स्टील कारोबार हरे स्टील (Green Steel) पर केंद्रित रहेगा, जबकि पावर कारोबार में 25,000 मेगावॉट की क्षमता का लक्ष्य है, जिसमें 15,000 मेगावॉट थर्मल और 5,000 मेगावॉट अक्षय ऊर्जा शामिल है।

डीमरजर के बाद प्रत्येक कंपनी का बोर्ड स्वतंत्र होगा और प्रमोटर्स 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हुए रोज़मर्रा के संचालन में शामिल नहीं होंगे। अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक संसाधन कंपनियों की तरह वेदांता के प्रत्येक कारोबार को स्वतंत्र और शुद्ध-खेल (pure-play) कंपनी के रूप में विकसित करना कंपनी की रणनीति है।

शेयरधारकों को हर एक वेदांता शेयर के लिए प्रत्येक डीमरज्ड कंपनी का एक शेयर मिलेगा।

First Published : December 21, 2025 | 2:42 PM IST