म्युचुअल फंड

Children’s Mutual Funds: बच्चों के भविष्य के लिए SIP, गुल्लक से अब स्मार्ट निवेश की ओर

चिल्ड्रन म्युचुअल फंड ऐसे सॉल्यूशन ओरिएंटेड निवेश प्लान हैं, जो आपके बच्चे के भविष्य के लिए बचत करने में मदद करते हैं

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अंशु   
Last Updated- December 21, 2025 | 5:56 PM IST

Children’s Mutual Funds: एक जमाना था जब बच्चों के भविष्य की शुरुआत गुल्लक में गिरते सिक्कों की खनक से होती थी। समय बदल गया है, और अब बचत के इस पारंपरिक तरीके की जगह एक स्मार्ट और योजनाबद्ध विकल्प — सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) ने ले ली है। इस आधुनिक दौर में SIPs वही काम करती हैं जो कभी गुल्लक किया करती थी, लेकिन कहीं ज्यादा असरदार तरीके से। अब माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई, शौक, करियर, विदेश में उच्च शिक्षा या शादी जैसे बड़े सपनों के लिए हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश कर एक मजबूत वित्तीय नींव तैयार कर सकते हैं। अब असली सवाल यह है कि बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए किस योजना में SIP की जाए? एक्सपर्ट्स इसका जवाब ‘चिल्ड्रन म्युचुअल फंड’ के रूप में देते हैं। ये फंड बच्चों की लंबी अवधि की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, ताकि आज की छोटी बचतें कल उनके बड़े सपनों को साकार कर सकें।

चिल्ड्रन म्युचुअल फंड क्या है?

चिल्ड्रन म्युचुअल फंड ऐसे सॉल्यूशन ओरिएंटेड निवेश प्लान हैं, जो आपके बच्चे के भविष्य के लिए बचत करने में मदद करते हैं। पारंपरिक सेविंग अकाउंट्स के उलट, ये फंड आपकी राशि को शेयरों और बॉन्ड्स में निवेश करते हैं, ताकि लॉन्ग टर्म में बेहतर ग्रोथ हासिल की जा सके। यह ग्रोथ आपको बढ़ती हुई शिक्षा की लागत या भविष्य में शादी जैसे बड़े खर्चों से आगे रहने में मदद करती है।

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क्यों बढ़ रही है चिल्ड्रन म्युचुअल फंड की लोकप्रियता?

बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च कमाई की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, जबकि पारंपरिक बचत के तरीके अब पर्याप्त नहीं रह गए हैं। निजी स्कूलों की फीस हर साल 11 से 12 फीसदी तक बढ़ रही है। इसी कारण परिवार अब ऐसे निवेश विकल्पों की ओर जा रहे हैं, जो इस बढ़ते खर्च के साथ तालमेल बिठा सकें।

ICRA एनालिटिक्स के अनुसार, बाजार में इस समय ऐसे करीब 12 फंड मौजूद हैं। इनमें से कुछ अच्छे प्रदर्शन करने वाले फंड्स ने पिछले तीन से पांच साल में औसतन 15–20 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है। इसी वजह से बच्चों की शिक्षा और भविष्य के बड़े लक्ष्यों के लिए ये फंड माता-पिता की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। यह रुझान साफ दिखाता है कि लोग अब पारंपरिक बचत छोड़कर बाजार से जुड़े निवेश विकल्पों को अपना रहे हैं।

ICRA एनालिटिक्स में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और मार्केट डेटा के हेड अश्विनी कुमार के अनुसार, माता-पिता इन फंडों को इसलिए ज्यादा पसंद कर रहे हैं क्योंकि इनमें इक्विटी और डेट दोनों में निवेश होता है। ये फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे पारंपरिक विकल्पों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं और लंबी अवधि की बचत को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ योजनाओं ने पांच साल में 30 फीसदी से ज्यादा सीएजीआर रिटर्न दिया है, जिससे निवेशकों का भरोसा काफी बढ़ा है।

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कैसे काम करता है चिल्ड्रन म्युचुअल फंड?

भारत में अधिकांश चिल्ड्रन म्युचुअल फंड इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स के मिक्स में निवेश करते हैं। यह निवेशकों को जोखिम और संभावित रिटर्न के बीच एक सही संतुलन खोजने में मदद करता है।

इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी: ये सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड होते हैं जो ग्रोथ के लिए शेयरों (इक्विटी) और स्थिरता के लिए बॉन्ड्स (डेट) के एक डायवर्स पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं।

एसेट एलोकेशन: इक्विटी और डेट के बीच आवंटन किसी विशेष फंड की रणनीति और निवेशक की जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है। कुछ फंड इक्विटी-ओरिएंटेड होते हैं, कुछ डेट-ओरिएंटेड, जबकि कई हाइब्रिड स्वरूप में होते हैं।

लक्ष्य-आधारित: इन फंड्स का मुख्य उद्देश्य बच्चों की उच्च शिक्षा, करियर या विवाह जैसे प्रमुख जीवन खर्चों के लिए एक पर्याप्त फंड तैयार करना होता है।

लॉन्ग टर्म ग्रोथ: ये फंड समय के साथ कंपाउंडिंग की पावर का लाभ उठाकर छोटी-छोटी बचतों को एक बड़े कॉर्पस में बदलने में मदद करते हैं।

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चिल्ड्रन म्युचुअल फंड की खासियत

लॉक-इन पीरियड: इन फंड्स में कम से कम पांच साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि होती है या जब तक बच्चा वयस्कता की उम्र (18 वर्ष) तक नहीं पहुंच जाता — जो भी पहले हो।

अनुशासित निवेश: यह लॉक-इन अवधि निवेशक को जल्दी निकासी से रोकती है, जिससे अनुशासित बचत और निवेश की आदत विकसित होती है और गैर-जरूरी कारणों से फंड में सेंध लगाने से बचा जा सकता है।

जोखिम और रिटर्न: इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करके, ये योजनाएं ग्रोथ की संभावनाओं और स्थिरता के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती हैं।

चिल्ड्रन म्युचुअल फंड पर क्या है टैक्स के नियम?

इन निवेश विकल्पों पर मिलने वाला ब्याज टैक्स-फ्री होता है। बच्चों के लिए बाजार में ‘गिफ्ट’ के रूप में पेश किए जाने वाले म्युचुअल फंड भी टैक्स-फ्री होते हैं। टैक्स केवल तब लगाया जाता है जब फंड मैच्योर हो और राशि वितरित की जाए। इंडेक्सेशन के फायदे अधिकतम करने के लिए शुल्क भी न्यूनतम रखा गया है।

यदि माता-पिता ऐसे फंड में निवेश करते हैं, तो वे धारा 80C के तहत अपने आयकर में छूट प्राप्त कर सकते हैं। इस स्थिति में वे 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।

यदि सालाना ब्याज आय 6,500 रुपये से ज्यादा है, तो वे आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(32) के तहत प्रति बच्चे 1,500 रुपये की सालाना छूट भी ले सकते हैं।

विशिष्ट विकलांगताओं वाले बच्चों के माता-पिता चिल्ड्रन म्युचुअल फंड के लिए आवेदन करने पर अतिरिक्त कर छूट का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

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क्यों SIP है बेहतर विकल्प?

अब बड़ा सवाल यह है कि चिल्ड्रन म्युचुअल फंड में निवेश कैसे करें—SIP या लंपसम। दोनों तरीके काम करते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि SIP करना ज्यादा बेहतर विकल्प है। SIP में कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है और बाजार के उतार-चढ़ाव को सही तरीके से संभाला जा सकता है।

एलआईसी म्युचुअल फंड में फंड मैनेजर- इक्विटी करण दोशी कहते हैं, “आज के बच्चे एक वैश्विक रूप से जुड़े हुए माहौल में बड़े हो रहे हैं और वे पढ़ाई के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, एक्सचेंज प्रोग्राम और रचनात्मक गतिविधियों जैसे अनुभवों की भी आकांक्षा रखते हैं। ऐसे अनुभव उनके व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और भविष्य को आकार देते हैं। हालांकि, इन अवसरों के साथ अक्सर बड़ा वित्तीय खर्च भी जुड़ा होता है।”

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) माता-पिता के लिए एक प्रभावी वित्तीय साधन बनकर उभरता है। 15 से 18 वर्षों तक नियमित रूप से एक तय राशि निवेश करके परिवार बच्चों के इन सपनों को पूरा करने के लिए एक मजबूत फंड तैयार कर सकते हैं। SIP में लचीलापन, अनुशासन और कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है, जिससे यह लक्ष्य आधारित निवेश के लिए एक समझदारी भरा विकल्प बन जाता है। यह माता-पिता को बच्चों के बदलते सपनों के अनुरूप वित्तीय योजना बनाने में मदद करता है और पढ़ाई से आगे के अवसरों के लिए उन्हें तैयार रखता है।

First Published : December 21, 2025 | 5:49 PM IST