पिछले कुछ समय से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के दाम घटने का सिलसिला चल रहा है। देसी ईवी बाजार में 70 फीसदी से ज्यादा हिस्से वाली टाटा मोटर्स ने भी अब नेक्सॉन ईवी और टियागो ईवी को 1.2 लाख रुपये तक सस्ता कर दिया है।
कंपनी ने आज नेक्सॉन ईवी के दाम 1.2 लाख रुपये और टियागो ईवी के दाम 70,000 रुपये तक घटाने का ऐलान किया। इसके बाद नेक्सॉन ईवी की कीमत 14.49 लाख रुपये और टियागो ईवी की कीमत 7.9 लाख रुपये से शुरू होगी। कंपनी ने कहा कि वह बैटरी सस्ती होने का फायदा अपने ग्राहकों को देने के लिए दाम घटा रही है। मगर पिछले दिनों पेश की गई पंच ईवी के दाम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है क्योंकि उसकी कीमत बैटरी सस्ती होने के बाद ही तय की गई थी।
इससे पहले एमजी मोटर्स ने अपनी छोटी ईवी कॉमेट के दाम 90,000 रुपये से 1.4 लाख रुपये घटा दिए थे। एमजी कॉमेट हैचबैक ईवी है, जिसकी कीमत अब 6.99 लाख रुपये से शुरू हो रही है। नेक्सॉन को टक्कर देने वाली महिंद्रा की एक्सयूवी400 भी नए रंगरूप में दस्तक देने को तैयार है। यह गाड़ी मार्च में उतारी जा सकती है।
टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी विवेक श्रीवत्स ने कहा, ‘बैटरी की लागत ईवी की कुल लागत का एक बड़ा हिस्सा है। हाल में बैटरी सेल की कीमतों में नरमी आई है और निकट भविष्य में संभावित कमी पर विचार करते हुए हमने उसका लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का निर्णय लिया है।’
टाटा मोटर्स ने जनवरी 2023 में नेक्सॉन ईवी की कीमतों में 85,000 रुपये तक की कटौती की थी। उस समय कंपनी ने कहा था कि पिछले कुछ महीनों में नए बाजारों, सरकारी कार्यक्रमों और उत्पादन में कुशलता के फायदे मिलने के कारण यह कदम उठाया गया है।
भारत में बिकने वाली कुल कार में ईवी की हिस्सेदारी फिलहाल महज 2 फीसदी है। खरीदार अब कम परिचालन लागत और रेंज संबंधी चिंताओं के दूर होने के कारण एकमुश्त अधिक लागत की चिंता नहीं कर रहे हैं।
श्रीवत्स ने इस महीने के आरंभ में बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा था, ‘ईवी खरीदते समय ग्राहक सबसे पहले रेंज के बारे में सोचते हैं। मगर इस मामले में वे कुछ समझदार हो रहे हैं। वे समझने लगे हैं कि वे आम तौर पर शहर के भीतर ही अपनी कार चलाएंगे और साल में एकाध बार ही बाहर जाएंगे। इसलिए अब वे वाजिब अपेक्षा ही करते हैं।’
इसीलिए ज्यादा किफायती ईवी को लोग अधिक तेजी से खरीदेंगे। टाटा मोटर्स के एक डीलर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि ग्राहक जब एक ही कार के ईवी और पेट्रोल-डीजल मॉडलों की तुलना करते हैं तो वे पेट्रोल-डीजल मॉडलों के महंगे वेरिएंट खरीदने को तैयार हो जाते हैं क्योंकि पेट्रोल मॉडल और ईवी के दाम में लाखों रुपये का फर्क होता है। डीलर ने कहा, ‘अगर ईवी के दाम कम हो जाएं तो लोग इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदना पसंद करेंगे क्योंकि उसे चलाने में मामूली खर्च आता है।’
टाटा मोटर्स ने सितंबर में केवल ईवी के लिए खास डीलरशिप की शुरुआत की थी। कंपनी ने अगले तीन से चार साल के दौरान अपने पोर्टफोलियो में 10 इलेक्ट्रिक कार मॉडलों को शामिल करने की योजना बनाई है। जनवरी में टाटा मोटर्स ने 6,979 ईवी बेचे, जो पिछले साल जनवरी से 69 फीसदी ज्यादा हैं। इनमें निर्यात भी शामिल है। इस दौरान पेट्रोल-डीजल मॉडलों समेत कुल बिक्री 54,033 रही, जो साल भर पहले के मुकाबले 12 फीसदी ज्यादा थी।
श्रीवत्स ने कहा, ‘पिछले कुछ साल में ईवी तेजी से बढ़े हैं मगर हमारा मकसद उन्हें देश भर में आसानी से उपलब्ध कराते हुए मुख्य वाहन श्रेणी बनाना है। हमारे पास बॉडी स्टाइल, रेंज और कीमत के मामले में ईवी के कई विकल्प हैं। हमें लगता है कि हमारे सबसे ज्यादा बिने वाले नेक्सॉन ईवी और टियागो ईवी की कीमत घटने पर ग्राहक उन्हें और ज्यादा पसंद करेंगे।’