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स्मार्टफोन को नए साल में चुनौतियों के सिग्नल, शिपमेंट और मांग घटने की आशंका

वै​श्विक स्तर पर मेमरी चिप की लगातार हो रही किल्लत के कारण 2026 की जून तिमाही तक इसकी कीमतों में 40 फीसदी तक इजाफा होने की आशंका है

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- December 23, 2025 | 11:06 PM IST

भारत के स्मार्टफोन बाजार को नए साल में शिपमेंट और मांग दोनों मोर्चों पर भारी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। वै​श्विक स्तर पर मेमरी चिप की लगातार हो रही किल्लत के कारण 2026 की जून तिमाही तक इसकी कीमतों में 40 फीसदी तक इजाफा होने की आशंका है। ऐसे में विनिर्माताओं को लागत में हुई 8 से 15 फीसदी की वृद्धि का पूरा अथवा आं​शिक भार ग्राहकों पर डालने की मजबूरी होगी। इससे स्मार्टफोन की कुल मांग प्रभावित हो सकती है।

काउंटरपॉइंट रिसर्च के निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि उनके संशोधित अनुमानों के आधार पर यह गिरावट अगले साल काफी गंभीर होगी। उनका कहना है कि प्रवेश स्तर के स्मार्टफोन की श्रेणी (10,000 रुपये के दायरे में कीमत) में अगले साल शिपमेंट वॉल्यूम 15 फीसदी से अधिक घट सकता है। स्मार्टफोन बाजार के कुल वॉल्यूम में इसका योगदान 18 फीसदी है। उन्होंने कहा कि सभी श्रेणियों के कुल शिपमेंट में भी औसतन 3 से 5 फीसदी की गिरावट आएगी।

स्मार्टफोन की कुल लागत में मेमरी चिप की हिस्सेदारी 12 से 16 फीसदी होती है। ऐसे में मेमरी चिप की कीमत में वृद्धि का बोझ मध्यम एवं उच्च श्रेणी के फोन के मुकाबले कम कीमत वाले फोन पर अधिक होता है। यह गिरावट चिंताजनक है क्योंकि यह ऐसे समय में होगी जब स्मार्टफोन की वॉल्यूम शिपमेंट पिछले दो वर्षों से स्थिर है। साल 2025 में शिपमेंट 15.3 करोड़ फोन रहने की उम्मीद है जो 2024 के लगभग बराबर है। नए साल में इसमें और कमी आने की आशंका है।

मूल्य के लिहाज से देखा जाए तो स्मार्टफोन बाजार 9 फीसदी वृद्धि के साथ साल 2025 को अलविदा कर सकता है क्योंकि प्रीमियम की ओर बढ़ते रुझान से औसत बिक्री मूल्य में वृद्धि हो रही है। मगर पाठक का कहना है कि 2026 के शिपमेंट में मूल्य वृद्धि 5 से 9 फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अगले साल मूल्य वृद्धि की वजह प्रीमियम की ओर बढ़ता रुझान नहीं बल्कि उत्पादन लागत में वृद्धि होगी।

मोबाइल कंपनियां इस चुनौती को स्वीकार करती हैं। श्याओमी इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी सुधीन माथुर ने कहा, ‘हमें मूल्य वृद्धि करनी पड़ सकती है और अधिकतर कंपनियां पहले ही ऐसा कर चुकी हैं। मेमरी कीमत में तेजी से बढ़ी हुई लागत को पूरी तरह झेलना संभव नहीं है।’ माथुर का कहना है कि ईएमआई के जरिये फोन खरीदने वालों पर इसका प्रभाव सीमित हो सकता है।

बड़े ब्रांडों को आपूर्ति करने वाली एक प्रमुख ईएमएस कंपनी के शीर्ष अ​धिकारी ने कहा, ‘मेमरी की कमी पूरे साल बनी रहेगी क्योंकि क्षमता को एआई डेटा केंद्रों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और नई क्षमता आने में समय लगेगा।’

लावा इंडिया के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा, ‘मेमरी किल्लत के कारण फोन की कीमतें बढ़ेंगी, खासकर प्रवेश स्तर के बाजार में। हम 2026 को एक चुनौतीपूर्ण वर्ष के रूप में देखते हैं।’

First Published : December 23, 2025 | 11:01 PM IST