ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने कहा है कि वह 7,610 करोड़ रुपये (92 करोड़ डॉलर) के निवेश के साथ भारत में दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन (EV) हब बनाने की योजना बना रही है।
ओला ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि तमिलनाडु में 2,000 एकड़ (809 हेक्टेयर) में फैले इस हब का इस्तेमाल हाउसिंग वेंडर और सप्लायर पार्कों के अलावा इलेक्ट्रिक दोपहिया, कारों और बैटरी सेल के निर्माण के लिए किया जाएगा।
बयान के अनुसार, कंपनी इस साल के अंत में हब से सेल्स का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन शुरू कर देगी।
कंपनी ने कहा कि ईवी सप्लाई चेन के महत्वपूर्ण पहलुओं…..बैटरी का लोकलाइज़ेशन ईवी को अधिक किफायती बना देगा।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुमान के अनुसार, भारत के पास लिथियम-आयन बैटरी की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कच्चे माल का केवल एक अंश है।
ओला के अलावा, अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और बुलियन रिफाइनर राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड को एडवांस बैटरी सेल विकास का समर्थन करने के लिए 2.3 अरब डॉलर के सरकारी कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
एक भरोसे लायक सप्लाई चैन के निर्माण से ओला को इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।
बता दें कि कंपनी ने बैच में तैयार वाहनों में से एक में आग लगने के बाद 1,441 इलेक्ट्रिक स्कूटर वापस मंगाए थे। जबकि इससे पहले ओला स्कूटर की डिलीवरी में शुरुआत में देरी हुई थी।
भारत दरअसल इम्पोर्ट किये जाने वाले पार्ट्स पर बहुत अधिक निर्भर करता है, जिसकी सप्लाई ग्लोबल स्तर पर चिप की कमी से बाधित हो गई थी।