देश का लक्जरी कार बाजार इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के जरिये अन्य श्रेणियों के मुकाबले तेजी से नया रूप ले रहा है। उसे मुख्य तौर पर अमीर एवं शौकीन खरीदारों के रुझान में हुए बदलाव से रफ्तार मिल रही है। वे अब पारंपरिक पेट्रोल-डीजल कारों के बजाय स्वच्छ ईंधन को प्राथमिकता दे रहे हैं। वाहन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, लक्जरी श्रेणी में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी जनवरी से मई 2024 की अवधि में 7 फीसदी थी जो 2025 की समान अवधि में बढ़कर 11 फीसदी हो गई। इस तरह इलेक्ट्रिक लक्जरी श्रेणी में 66 फीसदी की वृद्धि हुई है।
यही रुझान पुरानी कार बाजार में भी दिख रहा है। पुरानी लक्जरी कार बाजार के प्रमुख कारोबारी लक्जरी कार्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक बिकने वाले करीब 19 फीसदी वाहन लग्जरी ईवी हैं। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा महज 5 फीसदी रहा था। प्रीमियम ग्राहकों के बीच लक्जरी ईवी की बढ़ती लोकप्रियता का एक प्रमुख कारण मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसी प्रमुख लक्जरी कार कंपनियों द्वारा ईवी की नई श्रृंखलाओं को बाजार में उतारना है।
जगुआर लैंड रोवर 2026 की शुरुआत तक तमिलनाडु के रानीपेट में अपने कारखाने का परिचालन शुरू करने के लिए तैयार है। यह ब्रिटेन के बाहर कंपनी की सबसे बड़ी इकाई है जिसकी शुरुआती क्षमता सलाना 30,000 वाहनों के उत्पादन की है। इसके अलावा अमेरिका की प्रमुख ईवी कंपनी टेस्ला भी अपने वाहनों को भारतीय बाजार में उतारने के लिए तैयार है। इसलिए इस श्रेणी में आगे ग्राहकों की दिलचस्पी बढ़ने के आसार हैं।
मर्सिडीज बेंज इंडिया के एमडी एवं सीईओ संतोष अय्यर ने कहा कि बाजार अब ‘ईवी क्यों से कौन सी ईवी’ की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले 2 वर्षों से ईवी चला रहा हूं और मुझे पेट्रोल-डीजल वाहन की कमी महसूस नहीं होती है।’
उन्होंने कहा कि लक्जरी श्रेणी में ईवी को खूब पसंद किया जा रहा है। अय्यर ने कहा, ‘जनवरी से मई के आंकड़ों से लक्जरी ईवी श्रेणी में 66 फीसदी की वृद्धि का पता चलता है और मर्सिडीज बेंज में इस दौरान 73 फीसदी की वृद्धि हुई। मैं समझता हूं कि जीएसटी और रोड टैक्स दोनों के लिहाज से भी लक्जरी कार कंपनियों के लिए फायदा है। व्यापक बाजार में ईवी की कीमतें अब पेट्रोल-डीजल कारों के बराबर हो रही हैं। मूल उपकरण विनिर्माता भी ग्राहकों को लाभ देने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार भी ऐसा ही चाहती है ताकि ईवी की बिक्री को बढ़ावा मिले। प्रौद्योगिकी के लिहाज से ईवी महंगी जरूर है। अगर कर में अंतर न हो तो ग्राहक अपने दम पर इसके लिए उत्सुक नहीं हैं।’ लक्जरी श्रेणी में ईवी की कीमत कराधान लाभ के कारण अन्य लग्जरी कारों से 4 से 5 फीसदी कम हो जाती है।
लक्जरी कार्ट के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी हिमांशु आर्या ने कहा, ‘ईवी लक्जरी श्रेणी में नए मॉडलों को लॉन्च किया जाना भी एक प्रमुख कारण है। लगभग सभी कंपनियां अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में ईवी को शामिल कर रही हैं। इसके अलावा ईवी चार्जिंग सुविधाओं का बढ़ता दायरा और ड्राइविंग में सहूलियत जैसे कारकों से भी बिक्री को बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे में रेंज की चिंता भी कम हो रही है।’
पिछले एक साल में लॉन्च किए गए प्रमुख मॉडलों में बीएमडब्ल्यू आईएक्स1 भी शामिल है। इसकी शुरुआती कीमत 49 लाख रुपये है और इससे बाजार में भारी बदलाव आया। मर्सिडीज-बेंज ने भी ईक्यूए, ईक्यूएस, ईक्यूसी और ईक्यूएस एसयूवी जैसे मॉडलों को बाजार में उतारा।
लग्जरी ईवी की बिक्री जनवरी से मई 2024 की अवधि में 1,223 वाहन थी जो बढ़कर जनवरी से मई 2025 की अवधि में 2,027 वाहन हो गई। पूरे कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान लग्जरी कारों की बिक्री करीब 51,000 वाहन तक पहुंच गई थी, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 48,000 वाहनों का था। उद्योग ने उम्मीद जताई है कि 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 60,000 वाहनों तक पहुंच जाएगा।