प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
वित्त वर्ष 26 के दौरान भारत की यात्री वाहन डीलरशिप के राजस्व में 7 से 9 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। इसमें पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 100 आधार अंकों का सुधार होगा। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने यह जानकारी दी है। वाहनों की कमाई में मामूली वृद्धि और पिछले साल के बचे हुए स्टॉक के ऊंचे स्तर के बावजूद इस इजाफे की उम्मीद है।
करीब 110 यात्री वाहन डीलरों के क्रिसिल के विश्लेषण से पता चलता है कि कोविड के बाद की तेज उछाल में कमी आई है। लेकिन इस क्षेत्र को अब भी वॉल्यूम में स्थिर सुधार और बेहतर लाभ का फायदा मिल रहा है। इस वित्त वर्ष में वॉल्यूम वृद्धि 4 से 6 प्रतिशत आंकी गई है। इसका कारण उपभोक्ताओं की एसयूवी के लिए पसंद बरकरार रहना और स्थिर ग्रामीण मांग का समर्थन होना है, विशेष रूप से छोटी कारों के लिए।
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क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक हिमांक शर्मा ने कहा, ‘करों की संशोधित दर, कम ब्याज दरों और नरम मुद्रास्फीति के कारण शहरों में खर्च करने योग्य आय में वृद्धि एसयूवी की निरंतर लोकप्रियता के साथ-साथ शहरी मांग को बढ़ावा देगी। सामान्य मॉनसून और बेहतर कृषि आय से ग्रामीण बिक्री को लाभ होने के आसार हैं।’ मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) की मूल्य वृद्धि और अधिक कीमत वाले एसयूवी मॉडल की ओर झुकाव के कारण कमाई में 3 से 4 प्रतिशत का अनुमान है।