अमेरिका की नामचीन मोटरसाइकल कंपनी हार्ली डेविडसन भारत में कारोबार बंद करने जा रही है। कंपनी अपने वैश्विक कारोबार ढांचे में बदलाव कर रही है और इसके तहत वह उन बाजारों से निकल जाएगी, जहां बिक्री और मुनाफा दोनों ही कम रहे हैं।
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत में कारोबार बंद करने वाली हार्ली तीसरी अमेरिकी वाहन कंपनी बन जाएगी। इससे पहले 2017 में कार कंपनी जनरल मोटर्स ने यहां से कारोबार समेट लिया था और गुजरात में अपना संयंत्र बेच दिया था। पिछले साल अमेरिकी वाहन दिग्गज फोर्ड ने भी भारत में अपनी ज्यादातर संपत्तियां महिंद्रा ऐंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ बने साझे उपक्रम को बेच दी थी। फोर्ड ने यह कदम इसलिए उठाया था क्योंकि दुनिया के चौथे सबसे बड़े वाहन बाजार भारत में दो दशक तक रहने पर भी वह पैठ नहीं बना पाई।
हार्ली डेविडसन ने यूएस सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन को भेजी नियामकीय सूचना में कहा, ‘कंपनी द रीवायर से जुड़े पुनर्गठन के कदम के बारे में पहले ही सूचना दे चुकी थी, जिसे 5 अगस्त, 2020 को मंजूरी दे दी गई थी। 6 अगस्त और 23 सितंबर, 2020 के बीच कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय कारोबार के पुनर्गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर भी मुहर लगा दी। इसके तहत कंपनी कुछ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डीलर नेटवर्क कम करेगी और भारत में बिक्री तथा उत्पादन बंद कर देगी।’ हार्ली के इस फैसले से भारत में उसके साथ काम कर रहे 70 कर्मचारियों की नौकरी खत्म हो जाएंगी।
कंपनी ने भारत में अपने प्रबंध निदेशक संजीव राजशेखरन को सिंगापुर भेज दिया है, जहां वह एशिया और कंपनी के उभरते बाजारों की कमान संभालेंगे।
कारोबार पुनर्गठन प्रक्रिया पर कंपनी को करीब 7.5 करोड़ डॉलर खर्च करने होंगे, जिसमें नौकरी से निकालने पर एकमुश्त लाभ देने पर करीब 30 लाख डॉलर खर्च होंगे और 7.2 करोड़ डॉलर अन्य मदों में खर्च किए जाएंगे। हरियाणा के बावल में हार्ली का कारखाना है, जहां पूरी तरह पुर्जों में आई (सीकेडी) बाइक को भारत में बिक्री के लिए असेंबल किया जाता है। भारत में कंपनी की बिक्री में ज्यादातर योगदान इसी कारखाने का है मगर हार्ली पूरी तरह तैयार (सीबीयू) मोटरसाइकल का आयात भी करती है। सीबीयू मोटरसाइकल पर 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क वसूला जाता है।
अमेरिकी सरकार अपने यहां की कंपनियों की बाइक पर आयात शुल्क घटाए जाने का दबाव बनाती रहती है। पिछले साल इसी वजह से हार्ली डेविडसन सुर्खियों में रही थी। ट्रंप हार्ली की मोटरसाइकिल पर लगने वाले आयात शुल्क पर कई बार नाखुशी जता चुके हैं।
उन्होंने इसी साल जुलाई में यह मुद्दा फिर उठाया था और नाराजगी जताते हुए कहा था कि भारत ने फरवरी, 2018 में आयात शुल्क 75 से घटाकर 50 फीसदी किया है मगर इसे कम नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि यह शुल्क काफी अधिक है, जो उन्हें स्वीकार्य नहीं है।
