गूगल के मुख्य कार्याधिकारी सुंदरपिचाई ने आज कहा कि प्रौद्योगिकी को जिम्मेदारी भरे विनियमन की जरूरत है और निजी कंपनियों के नवाचार को मंजूरी देने के लिहाज से कानूनी ढांचे में स्थायित्व बेहद महत्त्वपूर्ण है। वह गूगल फॉर इंडिया कार्यक्रम में बोल रहे थे। भारत के प्रौद्योगिकी नियमन के बारे में पूछे जाने पर पिचाई ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि आप संतुलन कायम कर रहे हैं, लोगों के लिए सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं, नवोन्मेषी ढांचा बना रहे हैं ताकि कंपनियां एक निश्चित कानूनी ढांचे में नवोन्मेष कर सके।’
भारत के दौरे पर आए पिचाई ने गूगल के प्रमुख कार्यक्रम में केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ भी विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।
उन्होंने कहा कि भारत निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था है, जिसे ओपन और कनेक्टेड इंटरनेट का लाभ मिलेगा। पिचाई ने कहा, ‘तकनीक को जिम्मेदार विनियमन की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि देशों को इस पर विचार करना चाहिए कि अपने नागरिकों के हितों की सर्वोत्तम सुरक्षा कैसे की जाए। मुझे लगता है कि यह एक महत्त्चपूर्ण चरण है। हम रचनात्मक रूप से जुड़ रहे हैं। इसके व्यापक स्तर और तकनीकी अगुआई को देखते हुए मुझे लगता है कि भारत नेतृत्वकारी भूमिका निभाएगा।’
सरकार ने हाल ही में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा विधेयक और दूरसंचार विधेयक का मसौदा तैयार किया है, जो एक ‘व्यापक कानूनी ढांचे’ का हिस्सा है। इस मसौदे को सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया है। वैष्णव ने कहा कि सरकार तीन तरह के कायदे बना रही है- ऑपरेटरों के लिए दूरसंचार विधेयक, नागरिकों की निजता के लिए डिजिटल डेटा सुरक्षा विधेयक और डिजिटल इंडिया विधेयक, जो व्यावहारिक रूप से बाकी सभी जरूरी चीजों को कायदे कानून में लाएगा।
वैष्णव ने कहा, ‘हम अगले 14 से 16 महीने में यह कवायद पूरी कर लेंगे। हम सभी हितधारकों के साथ खुले तौर पर परामर्श कर रहे हैं। हमारे साथ अभी तक जितने भी लोगों ने चर्चा की है, उनमें से अधिकतर ने कहा कि इस तरह के ढांचे की जरूरत कई अन्य देशों को भी है,जो तेजी से डिजिटल व्यवस्था को अपना रहे हैं।’ गूगल ने भारत के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित कई नई पहल की एक श्रृंखला की घोषणा की, जिसका उद्देश्य इंटरनेट पर भाषाई अंतर को पाटना, कृषि में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और भारत में एआई के जिम्मेदार विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश करना है। वैष्णव ने कहा कि एआई देश के कई क्षेत्रों में बदलाव लाएगा और बेहतर समाधान तथा सेवाएं प्रदान करने में यह मदद कर सकता है।
संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘एआई प्रतिभा के लिहाज से भारत को अव्वल देश माना गया है। हम इसे एक बहुत ही स्थायी, व्यापक कानूनी और नियामकीय व्यवस्था के माध्यम से बढ़ावा देना चाहते हैं।’ गूगल द्वारा घोषित प्रमुख पहल में प्रोजेक्ट वाणी के लिए सहयोग – विभिन्न बोलियों के लिए बेहतर एआई भाषा मॉडल, कृषि और स्वास्थ्य सेवा के लिए उन्नत एआई और मशीन लर्निंग मॉडल के साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में देश का पहला जिम्मेदार एआई केंद्र खोलने के लिए 10 लाख डॉलर का अनुदान शामिल है।
पिचाई ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप को धन मुहैया कराने के लिए गूगल द्वारा पहले पेश किए गए 30 करोड़ डॉलर के कोष का करीब एक चौथाई हिस्सा महिलाओं के स्टार्टअप या महिला-पुरुष अंतर को पाटने पर केंद्रित स्टार्टअप को दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘स्टार्टअप शुरू करने के लिए मौजूदा वक्त से बेहतर कोई समय नहीं होगा। भले ही वैश्यिवक स्तर पर नरमी देखी जा रही है मगर गूगल जैसी कंपनियां मंदी के दौर में ही बनाई गईं थीं।’
कंपनी ने कई विशिष्ट उत्पाद से जुड़ी घोषणाएं भी कीं, जैसे कि गूगल पे में धोखाधड़ी का पता लगाने में सुधार के लिए ‘हिंग्लिश’ बोलने वालों की बोली को समझने के लिए प्रोजेक्ट रिलेट का प्रायोगिक परीक्षण और डिजिटल दस्तावेजों तक आसान पहुंच के लिए डिजिलॉकर के साथ गूगल फाइलों का एकीकरण शामिल है। पिचाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। मोदी से मुलाकात के बाद पिचाई ने ट्वीट में कहा, ‘आपके नेतृत्व में तकनीकी परिवर्तन की तीव्र गति को देखकर प्रेरणा मिलती है। हम अपनी मजबूत साझेदारी को जारी रखने और भारत की जी20 की अध्यक्षता का समर्थन करने तथा सभी के लिए ओपन, कनेक्टेड इंटरनेट को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।’