टेक्नोलॉजी के इस दौर में पूरी दुनिया का रुझान ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तरफ बढ़ता जा रहा है। कई देशों की सरकारें जहां इस टेक्नोलॉजी को लेकर काफी दिलचस्पी दिखा रही हैं तो दुनियाभर की दिग्गज कंपनियां भी इसे अपनाने में पीछे नहीं हैं। मल्टीनैशनल टेक कंपनी जैसे माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जहां ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को डेवलप करने में लगी हैं तो भारत भी इससे पीछे नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में AI गेमचेंजर का काम करने वाला है। मगर इस बीच, एक चौंकाने वाला डेटा भी सामने आया है और वह है ओपनआई के चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) को लेकर।
अमेरिकी पब्लिकेशन द न्यू यॉर्कर (The New Yorker) की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौर में OpenAI के चैटबॉट को यूज करने वाले इतने ज्यादा लोग बढ़ गए हैं कि उसका असर बिजली की खपत पर पड़ रहा है। द न्यू यॉर्कर ने कहा कि चैटजीपीटी रोज करीब 20 करोड़ रिक्वेस्ट का जवाब देती है औऱ उसके बदले पूरी दुनिया में करीब 5 लाख किलोवॉट से ज्यादा की बिजली का यूज हर घंटे होने लगा है।
द न्यू यॉर्कर ने अमेरिका में एक सर्वे किया और पाया कि औसतन अमेरिकी परिवार रोजाना 29 किलोवॉट बिजली का यूज करता है। जाहिर है कि इसमें कई परिवार ऐसे होंगे जो बहुत ही कम बिजली की खपत करते होंगे औऱ कई बहुत ही ज्यादा। मगर चूंकि, यह डेटा औसत में लिया गया है ऐसे में यह 29 किलोवॉट प्रति घर बैठता है।
द न्यू यॉर्कर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिन घरों में ChatGPT का यूज किया जाता उनके यहां बिजली का यूज चैटजीपीटी न यूज करने वाले घरों के मुकाबले 17,000 गुना ज्यादा है।
बिजनेस इनसाइडर (Business Insider) ने डच नेशनल बैंक के डेटा साइंटिस्ट Alex de Vries से बातचीत के बाद बताया कि अगर Google हर सर्च में जेनरेटिव AI टेक्नोलॉजी को एंटिग्रेट कर दे तो यह हर साल करीब 29 बिलियन किलोवाट प्रति घंटे की बिजली का यूज करेगा। जो कि केन्या, ग्वाटेमाला और क्रोएशिया जैसे देशों में एक साल में यूज होने वाली बिजली से कहीं ज्यादा है।
उन्होंने बिजनेस इनसाइडर से कहा कि एआई का यूज काफी तेजी से बढ़ रहा है। इनमें से हर एक AI सर्वर पहले से ही उतनी बिजली की खपत कर सकता है जितनी ब्रिटेन के एक दर्जन से ज्यादा घर कुल मिलाकर कर सकते हैं।’
गौरतलब है कि हाल ही में भारत में हुए माइक्रोसॉफ्ट फ्यूचर रेडी लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने क्लाउड और ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जरूरी बताते हुए कहा था कि ये आर्थिक विकास को रफ्तार देने में काफी मददगार होंगी। उन्होंने इस दौरान कहा था कि अमेरिका के बाद भारत में गिटहब पर दूसरी सबसे ज्यादा जनरेटिव एआई (GenAI ) प्रोजेक्ट्स हैं।