facebookmetapixel
PhysicsWallah IPO: 11 नवंबर को खुलेगा ₹3,480 करोड़ का आईपीओ, अलख पांडे और प्रतीक बूब बेचेंगे ₹190 करोड़ के शेयरSun Pharma Q2FY26 results: मुनाफा 3% बढ़कर ₹3,118 करोड़ पर, रेवेन्यू भी बढ़ाGold silver price today: सोने चांदी की कीमतों में तेजी, गोल्ड फिर ₹1.20 लाख के पारसड़क से लेकर रक्षा तक निवेश की रफ्तार तेज, FY26 में कैपेक्स 52% तक पंहुचाICICI Pru Life ने उतारा BSE 500 एन्हांस्ड वैल्यू 50 इंडेक्स फंड, इस नए ULIP प्लान में क्या है खास?BEML Q2 results: सितंबर तिमाही में मुनाफा 6% घटकर ₹48 करोड़, कमाई में भी आई कमीFTA में डेयरी, MSMEs के हितों का लगातार ध्यान रखता रहा है भारतः पीयूष गोयलसरकार ने ‘QuantumAI’ नाम की फर्जी निवेश स्कीम पर दी चेतावनी, हर महीने ₹3.5 लाख तक की कमाई का वादा झूठाStocks To Buy: खरीद लो ये 2 Jewellery Stock! ब्रोकरेज का दावा, मिल सकता है 45% तक मुनाफाEPF नियमों पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: विदेशी कर्मचारियों को भी देना होगा योगदान

सड़क पर दौड़ते-दौड़ते ही चार्ज हो जाएंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां! भारत के इस राज्य में शुरू होने जा रही चार्जिंग व्यवस्था

वायरलेस ईवी चार्जिंग में कॉन्टिनेंटल एजी, दाइहेन कॉरपोरेशन, डेलाशॉक्स ग्रुप, एलिक्स वायरलेस, हेवो और इंडक्ट ईवी (पुराना नाम मूमेंटम वायरलेस पावर) प्रमुख कंपनियां हैं।

Last Updated- February 09, 2024 | 11:52 PM IST
Zetwerk

अक्सर लोग यह सोचकर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से हिचकते हैं कि एक बार चार्ज करने पर गाड़ी पर्याप्त दूर चलेगी या नहीं और रास्ते में चार्ज करने का इंतजाम होगा या नहीं या चार्ज करने में बहुत ज्यादा समय तो नहीं लगेगा। लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि घर पर चार्ज किए बगैर भी आप अपने ईवी को सड़क पर रात-दिन बेधड़क दौड़ा पाएंगे तो कैसा रहेगा? अगर आपसे कहा जाए कि सड़क पर दौड़ते समय गाड़ी खुद ही चार्ज हो जाएगी तो शायद आपको यकीन नहीं होगा मगर केरल सरकार ऐसा ही करने जा रही है।

दक्षिण भारत के इस राज्य में अगले वित्त वर्ष में वायरलेस ईवी चार्जिंग व्यवस्था शुरू होने जा रही है, जिसमें वाहन चलते-चलते चार्ज होते रहेंगे। इसमें सड़क की सतह के ठीक नीचे तांबे की कॉइल होंगीं, जिनसे ईवी चार्ज होते रहेंगे। केरल में बिजली विभाग के अपर मुख्य सचिव केआर ज्योतिलाल ने कहा, ‘यह बिल्कुल ऐसा होगा, जैसे आप ईवी के बजाय सड़क को चार्ज कर रहे हैं। हम जल्द ही इसका परीक्षण शुरू करने की कोशिश में हैं।’

दुनिया भर में मशहूर फिएट, सिट्रों, क्राइसलर और प्यूजो जैसे वाहन ब्रांडों की मूल कंपनी स्टेलैंटिस पहले ही यह शुरू कर चुकी है। खबरों के मुताबिक स्टेलैंटिस इटली के कियारी में पहले ही डायनमिक वायरलेस पावर ट्रांसफर (डीडब्ल्यूपीटी) तकनीक दिखा चुकी है। उसमें इजरायल की कंपनी इलेक्ट्रेऑन वायरलेस की वायरलेस प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया था। दुनिया में चंद कंपनियों के पास ही यह तकनीक है। इस बारे में बिज़नेस स्टैंडर्ड के सवालों का जवाब इलेक्ट्रेऑन ने नहीं दिया।

इलेक्ट्रेऑन की प्रेजेंटेशन में बताया गया कि स्वीडन, जर्मनी, फ्रांस, चीन और अमेरिका में भी वह इसी तरह की परियोजनाएं कर चुकी है। इनमें जमीन के ऊपर ढांचा होता है, जिसे अब ग्राउंड मैनेजमेंट यूनिट (एएमयू) कहते हैं। यह एएमयू ग्रिड से बिजली लेकर सड़क के नीचे मौजूद चार्जिंग ढांचे को देती है और ढांचे में मौजूद तांबे की कॉइल इसे वाहनों में लगे रिसीवर तक पहुंचा देती हैं। रिसीवर से बिजली सीधे इंजन में चली जाती है। गाड़ियों में ये रिसीवर बाहर से लगवाए जा सकते हैं या कंपनी रिसीवर लगे खास वाहन पेश भी कर सकती हैं।

बीबीसी की एक खबर के मुताबिक ऐसी परियोजना पर करीब 20 लाख डॉलर प्रति मील खर्च आता है यानी यह बेहद खर्चीली होगी और शायद ही कारगर रहे। मगर विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रौद्योगिकी बेहतर होने के साथ ही इस लगाने का खर्च भी कम हो जाएगा। इलेक्ट्रेऑन का कहना है कि बैटरी की क्षमता 90 फीसदी तक कम की जा सकती है। इससे हर बैटरी पर 53 हजार डॉलर की बचत होगी और हर बस से 48 टन कम कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन होगा।

दुनिया के दूसरे हिस्सों में ऐसी तकनीक छोटी-छोटी दूरी के लिए आजमाई गई है। वायरलेस ईवी चार्जिंग में कॉन्टिनेंटल एजी, दाइहेन कॉरपोरेशन, डेलाशॉक्स ग्रुप, एलिक्स वायरलेस, हेवो और इंडक्ट ईवी (पुराना नाम मूमेंटम वायरलेस पावर) प्रमुख कंपनियां हैं।

वायरलेस चार्जिंग के अलावा केरल जल्द ही ‘व्हीकल टु ग्रिड’ प्रौद्योगिकी भी आजमाने जा रहा है। इसमें वाहन मालिक सौर और पवन ऊर्जा से अपने वाहन चार्ज करने के बाद वाहन से वह बिजली ग्रिड को बेच सकते हैं। इससे उन्हें आमदनी भी हो जाएगी। तिरुवनंतपुरम को 2030 तक देश की सबसे बड़ी सोलर सिटी बनाने की भी केरल सरकार की मंशा है। इसके लिए हर मकान की छत पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जाएंगे।

जेएम फाइनैंशियल की रिपोर्ट बताती है कि जनवरी से सितंबर, 2023 तक भारत में ईवी विशेषकर ई-दोपहिया की सबसे अधिक पैठ केरल में ही दिखी। केरल में कुल दोपहिया में करीब 12.2 फीसदी ईवी हैं। महाराष्ट्र में 9.5 फीसदी, कर्नाटक में 10.6 फीसदी, गुजरात में 6.9 फीसदी और तमिलनाडु में 5.2 फीसदी ई-दोपहिया हैं।

First Published - February 9, 2024 | 11:47 PM IST

संबंधित पोस्ट