मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आरसी भार्गव ने रविवार को कहा कि कंपनी पेट्रोल और डीजल वाहनों को बदलने तथा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम करने के लिए मजबूत हाइब्रिड सहित सभी हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के नीतिगत खाके का इंतजार कर रही है।
देश का लक्ष्य साल 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनना है। वाहन विनिर्माता आगे की बेहतर राह को लेकर विभाजित हैं। मारुति सुजूकी और टोयोटा जैसी जापानी दिग्गज कंपनियां हाइब्रिड पर कर कटौती के लिए जोर दे रही हैं।
उनका तर्क है कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अकेले ही उत्सर्जन में कमी का बोझ नहीं उठा सकते। लेकिन टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी घरेलू कंपनियों ने इस तरह की कर कटौती का विरोध किया है। वे जोर दे रही हैं कि केवल पूरी रफ्तार से ईवी को बढ़ावा देने से ही भारत की सड़कों को सही मायने में कार्बन मुक्त किया जा सकता है।
देश में ईवी पर केवल पांच प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाता है। हाइब्रिड कारों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। हाल में उत्तर प्रदेश में मजबूत हाइब्रिड वाहनों पर आठ से 10 प्रतिशत का पंजीकरण कर माफ किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार के 5 जुलाई के आदेश के बाद वाहन उद्योग के भीतर यह विभाजन सामने आया था।
मारुति सुजूकी की रविवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में भार्गव ने कहा है, ‘कुछ लोगों का मानना है कि आपकी कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण में सुस्त रही है। हमने राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अधिक विविध पद्धति अपनाने का फैसला किया और हम एक ही चीज पर निर्भर नहीं रहना चाहते थे। सरकार ने भी स्वीकार किया है कि भारत में विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्य पहले ही इस दिशा में कदम उठा चुके हैं। अब हम ऐसे नीतिगत खाके का इंतजार कर रहे हैं जो उन सभी तकनीकों को बढ़ावा देगा जिससे पेट्रोल और डीजल कारों को अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करने वाली कारों से बदला जा रहा है।’
वर्तमान में मारुति सुजूकी देश में दो मजबूत हाइब्रिड कारें – ग्रैंड विटारा और इनविक्टो बेचती है। वह अगले कुछ महीने में अपनी पहली ईवी बाजार में उतारने की योजना बना रही है। मारुति सुजूकी ने साल 2030-31 तक कुल छह ईवी पेश करने की योजना बनाई है।
कार उद्योग के लिए प्रमुख राष्ट्रीय लक्ष्य कार्बन और ग्रीनहाउस उत्सर्जन तथा आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करना है। भार्गव ने कहा कि मारुति सुजूकी ने फैसला लिया है कि देश के आर्थिक और सामाजिक परिवेश तथा देश के भीतर संसाधनों की उपलब्धता के मद्देनजर ग्राहकों को विभिन्न तकनीक वाली और विभिन्न मूल्य स्तरों पर कारें प्रदान करना सबसे अच्छी रणनीति होगी।
ईवी की स्वीकार्यता का तेजी से विस्तार उनकी लागत में कमी तथा चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की स्थापना की रफ्तार पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि ऐसा मुख्य रूप से स्थानीय स्तर पर उत्पादन तथा बेहतर तकनीक से होगा।