बाजार

डिमर्जर के बाद Tata Motors में कौन चमकेगा ज्यादा? जेपी मॉर्गन और SBI की बड़ी राय सामने आई

टाटा मोटर्स का डिमर्जर अब नए दौर की शुरुआत कर रहा है। एक तरफ पैसेंजर व्हीकल बिजनेस जगुआर लैंड रोवर की चुनौतियों से जूझ रहा है

Published by
साई अरविंद   
Last Updated- November 11, 2025 | 9:33 AM IST

टाटा मोटर्स की नई कंपनी टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स अब शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रही है। इसकी लिस्टिंग 12 नवंबर 2025 बुधवार को होगी। यह कंपनी टी ग्रुप कैटेगरी में लिस्ट होगी और हर शेयर की फेस वैल्यू दो रुपये रखी गई है। यह कदम टाटा मोटर्स के विभाजन यानी डिमर्जर का हिस्सा है, जो एक अक्टूबर 2025 से लागू हुआ था।

इस विभाजन के बाद टाटा मोटर्स दो अलग-अलग कंपनियों में बंट गई। पहली टाटा मोटर्स पीवी है, जो कारें और इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाती है और जिसमें जगुआर लैंड रोवर भी शामिल है। दूसरी टाटा मोटर्स सीवी है, जो ट्रक, बस और दूसरे बड़े कमर्शियल वाहन बनाती है। बाजार के जानकारों का कहना है कि इस बदलाव से कंपनी के दोनों हिस्सों को अपने अपने काम पर अलग से ध्यान देने का मौका मिलेगा। इससे दोनों कंपनियां तेजी से बढ़ सकेंगी और निवेशकों को बेहतर फायदा मिल सकता है।

PV कारोबार के सामने क्या चुनौतियां हैं?

विश्लेषकों का मानना है कि टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल कारोबार की सबसे बड़ी ताकत उसकी लग्जरी ब्रांड जगुआर लैंड रोवर है, जो कंपनी के कुल मुनाफे का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा देती है। वहीं, भारत में पैसेंजर व्हीकल कारोबार का योगदान केवल 10 प्रतिशत है। यही कारण है कि विशेषज्ञ इस हिस्से को लेकर थोड़ा सावधानी भरा नजरिया रख रहे हैं।

एसबीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, जगुआर लैंड रोवर फिलहाल कई दिक्कतों का सामना कर रही है। साइबर अटैक की वजह से उत्पादन पर असर पड़ा है, चीन के बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, और अमेरिका और यूरोप में गाड़ियों की मांग कम हो रही है।

जेपी मॉर्गन ने भी जगुआर लैंड रोवर के लिए सावधानी भरा रुख अपनाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले सालों में अमेरिका के नए टैक्स नियम, चीन के लग्जरी टैक्स, और नए मॉडलों की लॉन्चिंग में देरी कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, भारत में पैसेंजर व्हीकल कारोबार के लिए स्थिति कुछ बेहतर दिख रही है। नए मॉडल लॉन्च और बाजार में सुधार के चलते इस हिस्से में धीरे-धीरे उछाल आने की उम्मीद है। फिर भी, कंपनी के लिए मुनाफे का मार्जिन बढ़ाना अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

जेपी मॉर्गन का कहना है कि वह टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल कारोबार के लिए अपने अनुमान बढ़ा रही है, लेकिन जगुआर लैंड रोवर के लिए अनुमान घटा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2027 से 2028 के बीच कंपनी का ईबीआईटीडीए और प्रति शेयर आय (EPS) लगभग 30 प्रतिशत घट सकती है। हालांकि, यह बदलाव टाटा मोटर्स के डिमर्जर के बाद बने नए ढांचे को ध्यान में रखकर किया गया है। वहीं, भारत के पैसेंजर व्हीकल कारोबार में वित्त वर्ष 2026 से 2028 के बीच करीब 11 प्रतिशत सालाना वृद्धि की उम्मीद जताई गई है।

यह भी पढ़ें | टाटा मोटर्स CV के शेयर 12 नवंबर को होंगे लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरू

CV कारोबार के लिए आगे का रास्ता क्या है?

टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स के लिए आने वाले सालों की तस्वीर काफी उम्मीद भरी मानी जा रही है। एसबीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, यह भारत की सबसे बड़ी कमर्शियल व्हीकल बनाने वाली कंपनी है, जो छोटे ट्रक से लेकर भारी ट्रक और बसों तक हर तरह के वाहनों का निर्माण करती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का कमर्शियल व्हीकल बाजार वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही से दोबारा तेजी पकड़ सकता है। इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं।

पहला, सरकार द्वारा जीएसटी दर में कमी की जा सकती है, जो 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इससे ट्रकों और अन्य व्यावसायिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा मिल सकता है।

दूसरा, बाजार में पुराने वाहनों को बदलने की रिप्लेसमेंट डिमांड बढ़ रही है।

तीसरा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, निर्माण और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में लगातार तेजी देखी जा रही है, जिससे भारी और मध्यम वाहनों की मांग और बढ़ेगी।

इसके अलावा, वित्त वर्ष 2027 में Iveco Group NV के साथ होने वाली साझेदारी को भी कंपनी के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। इस साझेदारी से टाटा मोटर्स को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का मौका मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम टाटा मोटर्स को वैश्विक कमर्शियल व्हीकल उद्योग का अहम हिस्सा बना देगा और कंपनी के उत्पादों की पहुंच और बिक्री दोनों बढ़ेंगी।

First Published : November 11, 2025 | 9:24 AM IST