Stocks to Buy: चार्ट पैटर्न में दिखी मजबूती, ये 3 शेयर दिला सकते हैं 15% तक रिटर्न; जानिए एनालिस्ट की रायStock Market Today: GIFT Nifty में हल्की तेजी, सिल्वर ने बनाया नया रिकॉर्ड; जानें कैसा रहेगा आज बाजार का रुखAI इम्पैक्ट समिट में भारत के नवाचार से होंगे दुनिया रूबरूअदाणी का रक्षा क्षेत्र में 1.8 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेशRolls-Royce भारत में करेगा बड़ा निवेश, नई पीढ़ी के एरो इंजन पर फोकससऊदी अरब के ताइफ एयरपोर्ट प्रोजेक्ट की रेस में जीएमआर और टेमासेक आगेStocks To Watch Today: Coforge, Vedanta से लेकर PNB तक हलचल, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरAI की एंट्री से IT इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव, मेगा आउटसोर्सिंग सौदों की जगह छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट‘2025 भारत के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धियों का वर्ष रहा’, मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदीकोल इंडिया की सभी सब्सिडियरी कंपनियां 2030 तक होंगी लिस्टेड, प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया निर्देश
अन्य समाचार ओडिशा ने आयातित और घरेलू कोयले की औसत कीमत के प्रस्ताव का विरोध किया
'

ओडिशा ने आयातित और घरेलू कोयले की औसत कीमत के प्रस्ताव का विरोध किया

PTI

- November,21 2012 4:43 PM IST

राज्य के उर्जा सचिव पी के जेना ने केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष को लिखे एक पत्र में कहा आयातित और घरेलू कोयले को मिलाकर उसका औसत मूल्य तय करने के प्रस्ताव का उन बिजली कंपनियों के लिए कोई मतलब नहीं है जो कोयला खानों के बहुत करीब हैं।

उन्होंने कहा कि ओडिशा में प्रचुर मात्रा में कोयला है और विशेषरुप से बिजली संयंत्रों के लिए उपयुक्त एफ और जी श्रेणी का कोयला राज्य में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

जेना ने दावा किया कि कोयले की औसत मूल्य प्रणाली से राज्य और आम जनता के हितों को दांव पर लगाकर निजी बिजली कंपनियों को ही फायदा होगा। पत्र में कहा गया है कि कोयला आयात करने के पीछे मुख्य उद्देश्य ही कोल इंडिया लिमिटेड के ईंधन आपूर्ति समझौते की प्रतिबद्धता को पूरी करना था।

उन्होंने कहा यदि आयातित और घरेलू कोयले का औसत मूल्य तय किया जाता है तो इससे जिन बिजली संयंत्रों के पास कोयला आपूर्ति की व्यवस्था है उनके हितों की लागत पर उन बिजली संयंत्रों को सब्सिडी मिलेगी जिनके पास कोयला आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है।

जेना ने कहा है कि प्रस्तावित औसत मूल्य व्यवस्था के तहत कोयले की कीमत 4,500 रुपये प्रति टन होने की संभावना है। इससे कोयले के दाम में 100 रुपये प्रति टन तक की वृद्धि होगी और परिणामस्वरुप इससे बनने वाली बिजली की दर सात से आठ पैसे प्रति यूनिट बढ़ जायेगी।

भाषा

संबंधित पोस्ट