राहुल द्रविड़ ने आज आगाह किया कि अगले एक दशक में टेस्ट क्रिकेट को अपना वजूद बचाये रखने के लिये काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि बच्चे इस खेल के पारंपरिक स्वरूप के बजाय ट्वेंटी . 20 क्रिकेट को तरजीह दे सकते हैं।
द्रविड़ ने आज यहां किताब के विमोचन के अवसर पर कहा, मैं समझता हूं कि आज के युवा खिलाड़ी जैसे रोहित शर्मा, सुरेश रैना, मनोज तिवारी टेस्ट क्रिकेट को देखकर और उस तरह की क्रिकेट खेलने की प्रेरणा लेकर बड़े हुए हैं। मेरे बेटे के उम्र के बच्चे जो ट्वेंटी . 20 और आईपीएल देखकर बड़े हो रहे हैं और ये बच्चे क्या चाहते हैं, यह दस वर्षों में काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
टेस्ट क्रिकेट में नंबर तीन पर भारतीय दीवार रहे इस बल्लेबाज ने कहा, मैं इसे अभी किसी समस्या के तौर पर नहीं देखता। मैं इसे लंबी अवधि का मसला मानता हूं। यह चुनौती दस साल में पैदा हो सकती है और हमें इस समस्या का अभी समाधान निकालना होगा।
उन्होंने कहा, मैंने कामर्स में डिग्री ली थी और उसमें बहुत सफल नहीं रहा। इसलिए मैं जानता था कि मेरे पास एकमात्र विकल्प तब सफल टेस्ट क्रिकेटर बनना था। आज कई विकल्प हैं। लोगों के पास टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलने के बावजूद इस खेल से पैसा बनाने का विकल्प है। बच्चों को इस विकल्प का चुनाव करने के लिये किसे दोषी माना जाएगा।
द्रविड़ ने कहा, मैं बच्चों से कहना चाहूंगा कि आपको सबसे अधिक संतुष्टि दुनिया के बेहतरीन स्टेडियमों में टेस्ट क्रिकेट खेलकर मिलेगी। इसलिए खुद को छोटे प्रारूपों के लिये मत बेचना।