शिन्दे ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण :एनडीएमए: के नौंवे स्थापना दिवस समारोह में कहा कि मौसम की निगरानी और भविष्यवाणी के लिए हमें अपनी क्षमताओं को सुधारने की आवश्यकता है । आम तौर पर पाया जाता है कि आपदा की स्थिति में सबसे पहले संचार प्रणाली पर ही असर होता है । इसीलिए जरूरी है कि हमारे पास प्रभावशाली संचार उपकरण हों और ऐसा कनेक्शन हो, जिसके विफल नहीं होने की गारंटी हो ।
उन्होंने देश के हिमालयी राज्यों से कहा कि वे प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपदा के असर को कम करने के आवश्यक उपाय करें ।
शिन्दे ने हाल ही में उत्तराखंड में विनाशकारी बाढ और भयंकर बारिश से हुई तबाही के दौरान बाढ और बारिश में फंसे हुए डेढ लाख लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा कियेे गये प्रयासों की सराहना की ।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा आकार और परिमाण के हिसाब से अभूतपूर्व थी । इसने कई गंभीर चिन्ताएं पैदा की हैं । हमें देखना होगा कि उत्तराखंड त्रासदी से मिला सबक बेकार न जाए ।