रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि इक्विटी जुटाने में देरी से पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस की लिवरेज का स्तर घटाने और अपनी लोनबुक में बढ़ोतरी की योजना पर असर पड़ सकता है। कार्लाइल व अन्य निवेशकों से 4,000 करोड़ रुपये जुटाने की कंपनी की योजना को अवरोध का सामना करना पड़ा जब सेबी ने शेयर की प्राइसिंग की तरीके पर सवाल उठाए और सैट ने मूल्यांकन पर अलग फैसला दिया।
एक अन्य रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि बढ़त के लिए पर्याप्त पूंजी की खातिर पूंजी डालना अहम है, साथ ही परिसंपत्ति से जुड़े संभावित दबाव को कम करने के लिए भी यह जरूरी है। उद्योग के आधार पर पीएनबी हाउसिंग ने चूक में बढ़ोतरी दर्ज की है और वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में सकल एनपीए 6 फीसदी रहा। कोरोना की दूसरी लहर के कारण खाते पर दबाव पड़ा है क्योंकि इस लहर ने उधार लेने वालों के कमजोर नकदी प्रवाह को और अवरोध किया है।