केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत व्यय और त्योहारों के दौरान उपभोक्ता मांग बढ़ाने के मकसद से आज दो तरह के प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया। सरकार का अनुमान है कि इन कदमों से चालू वित्त वर्ष के अंत तक करीब 73,000 करोड़ रुपये की मांग पैदा हो सकती है। केंद्र ने केंद्रीय कर्मचारियों के हाथों में अतिरिक्त पैसे देने और उसे वस्तुओं एवं सेवाओं पर खर्च करने की शर्त रखी है। इसके साथ ही पूंजीगत व्यय में सीमित वृद्घि और परियोजना के वित्तपोषण के लिए राज्यों को आंशिक तौर पर ब्याज मुक्त कर्ज देने की घोषणा की है। सीतारमण ने कहा, 'इन उपायों की घोषणा करते समय हमने इस बात को ध्यान में रखा है कि आम जनता पर इसका बोझ नहीं पडऩा चाहिए और मुद्रास्फीति में भी तेजी नहीं आनी चाहिए। आज की स्थिति कल की समस्या नहीं बननी चाहिए।' उन्होंने कहा कि अगर निजी क्षेत्र पर इसके प्रभाव को भी देखा जाए तो इससे 1 लाख करोड़ रुपये की मांग पैदा हो सकती है। हालांकि सरकार के कदम से बाजार उत्साहित नहीं हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि इन उपायों से मांग और खपत आधारित शेयरों में सुधार लंबे समय तक जारी नहीं रहेगी क्योंकि सरकार पर राजकोषीय दबाव है। वित्त मंत्री की घोषणा के बाद खपत आधारित शेयरों में गिरावट देखी गई। निफ्टी खपत सूचकांक 0.13 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ। कुछ उपभोक्ता वस्तुओं और वाहन कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, वोल्टास, ब्लू स्टार, क्रॉम्पटन ग्रीव्स जैसे शेयरों में एक से दो फीसदी की गिरावट आई। हालांकि निफ्टी 0.14 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। प्रोत्साहन पैकेज के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नकद भत्ते और 10,000 रुपये तक ब्याज मुक्त अग्रिम राशि मिलेगी, जिसे 31 मार्च, 2021 तक खर्च करना होगा। कर्मचारियों को यात्रा अवकाश भत्ता (एलटीसी) के एवज में नदक पैसे मिलेंगे और इसके लिए यात्रा का प्रमाण नहीं देना होगा। हालांकि उन्हें इस राशि को उन वस्तुओं एवं सेवाओं पर खर्च करना होगा जिन पर 12 फीसदी या उससे अधिक जीएसटी लगता है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को हर चार साल में देश में यात्रा के लिए एलटीसी मिलता है। 2018-21 के लिए वर्तमान एलटीसी दावे की वैधता चालू वित्त वर्ष के अंत में खत्म हो रही थी। कोविड के कारण कर्मचारी यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं। सरकारी कर्मचारियों को यात्रा किराया का तीन गुना और यात्रा अवकाश भत्ता के बराबर राशि जीएसटी पंजीकृत वेंडरों के पास डिजिटल भुगतान के जरिये खर्च करना होगा। इस कदम से केंद्र और राज्य के जीएसटी राजस्व में भी इजाफा होगा। एलटीसी नकद वाउचर योजना की लागत केंद्र सरकार के लिए करीब 5,675 करोड़ रुपये और सार्वजनिक उपक्रमों के लिए 1,900 करोड़ रुपये होगी। आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार ने मोटा-मोटा अनुमान लगाया है कि कुल 35 लाख कर्मचारियों में से करीब 25 फीसदी ही एलटीसी योजना का लाभ उठाएंगे। इसके अलावा, सरकार ने त्योहारों के दौरान अग्रिम देने की योजना को फिर से शुरू किया है। 2017 तक सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलता था। अब केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी 10,000 रुपये ब्याज मुक्त अग्रिम का लाभ ले सकते हैं, जिसे अधिकतम दस किस्तों में अदा करना होगा। यह राशि प्री-लोडेड रूपे कार्ड के जरिये उपलब्ध होगी और नकद निकासी नहीं की जा सकेगी। बैंक शुल्क का खर्च सरकार वहन करेगी और उम्मीद है कि इसके जरिये करीब 4,000 करोड़ रुपये वस्तुओं एवं सेवाओं पर खर्च हो सकते हैं। सीतारमण ने आगे घोषणा की कि सरकार सड़क, रक्षा अद्योसंरचना, जलापूर्ति, शहरी विकास पर मार्च 2021 तक 25,000 करोड़ रुपये पूंजीगगत व्यय करेगी। यह राशि बजट में निर्धारित 4.13 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के अतिरिक्त होगी। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा कि इनमें से 40 फीसदी राशि सितंबर अंत तक खर्च की जाएगी। इसके अलावा सरकार राज्यों को 50 साल के लिए पूंजीगत व्यय की खातिर 12,000 करोड़ रुपये ब्याज मुक्त कर्ज देगी। हालांकि सरकार ने इसे तीन हिस्सों में बांटा है- 2,500 करोड़ रुपये पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों को, 7,500 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को तथा 2,000 करोड़ रुपये उन राज्यों को दिए जाएंगे जिन्होंनेचार वित्त वर्ष में से तीन में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य पूरा किया है।
