मार्च में वाहनों का पंजीकरण सालाना आधार पर 28.64 फीसदी घट गया। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पिछले साल के निचले आधार के बावजूद यह गिरावट देखने को मिली। पिछले साल सात महीने तक रहे लॉकडाउन के कारण वाहनों की बिक्री थम सी गई थी।
डीलरों के संगठन ने चेतावनी दी है कि अप्रैल की बिक्री पर महाराष्ट्र के लॉकडाउन का असर दिखेगा क्योंकि डीलर उगाडी, गुडी पड़वा, बैशाखी आदि त्योहारों में वाहन बेचने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। यह राज्य वाहनों की खुदरा बिक्री में 10-11 फीसदी का योगदान करता है।
डीलरों के संगठन ने एक विज्ञप्ति में कहा, कोविड न सिर्फ तेजी से बढ़ रहा है बल्कि यह बढ़त को भी अस्थिर कर रहा है, जो पिछले कुछ महीनों में भारत हासिल करने में सक्षम हुआ है। इस समय किसी तरह का लॉकडाउन रफ्तार को नुकसान पहुंचाएगा, जो वाहन उद्योग के लिए इस विकट परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए बन रहा था। माह के दौरान कुल 16,49,678 वाहन पंजीकृत हुए जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 23,11,687 वाहनों का पंजीकरण हुआ था। यात्री वाहनों व ट्रैक्टरों के पंजीकरण में हालांकि 28.39 फीसदी व 29.21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, लेकिन दोपहिया, वाणिज्यिक वाहन व तिपहिया समेत बाकी अन्य सभी क्षेत्रों में सालाना आधार पर तेज गिरावट दर्ज हुई। दोपहिया ने कुल पंजीकरण वॉल्यूम को नीचे खींच लिया, जिसमें 35 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
सेमिकंडक्टर के लिए इनपुट वेफर्स की वैश्विक किल्लत जारी रही और इससे यात्री वाहनों की प्रतीक्षा अवधि सात महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई। फाडा के सर्वे के मुताबिक, 47 फीसदी यात्री वाहन डीलरों ने कहा कि आपूर्ति के अवरोध के कारण उन्होंने 20 फीसदी बिक्री गंवा दी।