नए साल में अक्सर अलग-अलग कीमत श्रेणी में गाडिय़ों के नए मॉडलों की पेशकश की जाती है और साल 2022 भी कुछ अलग नहीं होने वाला है। इस साल के खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं और करीब दो दर्जन नई कारें और एसयूवी मॉडल सड़कों पर रफ्तार लगाने के लिए तैयार हैं क्योंकि वाहन कंपनियां व्यक्तिगत सवारी को अधिक तरजीह दे रही हैं। प्रीमियम और लक्जरी सेगमेंट में नई इलेक्ट्रिक कारों को लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। इस तरह का रुझान एक ऐसे साल के बाद देखा जा रहा है जब दुनिया भर में चिप की कमी के कारण वाहनों उत्पादन में खासा नुकसान हुआ।
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अधिकांश लॉन्च, एसयूवी सेगमेंट पर केंद्रित होंगे क्योंकि वाहन कंपनियां खरीदारों की दिलचस्पी का ख्याल रखते हुए बड़ी गाडिय़ों की पेशकश कर रही हैं जिसमें बेहतर लेग रूम के साथ बैठना भी सुविधाजनक हो। आज भारत में बिकने वाले हर 10 यात्री वाहनों में चार से अधिक एसयूवी ही हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सेमीकंडक्टर की कमी से नई गाडिय़ों के लॉन्च करने की योजना प्रभावित हो सकती है। दिल्ली की बिक्री पूर्वानुमान और बाजार अनुसंधान कंपनी आईएचएस मार्किट के निदेशक पुनीत गुप्ता कहते हैं, ‘सेमीकंडक्टर की कमी के कारण कुछ लॉन्च स्थगित हो सकते हैं क्योंकि 2022 की दूसरी छमाही से पहले इस समस्या के हल होने की संभावना नहीं है।’
इस बीच, कियर्नी में पार्टनर राहुल मिश्रा ने कहा, ‘मौजूदा चिप संकट के कारण कंपनियां अपनी गाडिय़ों की योजनाओं में बहुत अधिक बदलाव नहीं कर सकती हैं क्योंकि उन्हें अभी तक हाल ही में लॉन्च किए गए मॉडल की बिक्री पर ध्यान देना है।’ वह कहते है कि उन्हें गाडिय़ों के कुछ मॉडल में बदलाव की योजना भी टालनी पड़ सकती है।
इक्रा ने हाल ही में कहा था कि चिप की कमी से भारतीय कार और एसयूवी कंपनियों को अनुमानित 1,800 करोड़ रुपये से 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है और वित्त वर्ष 2022 के अंत तक 500,000 गाडिय़ों का उत्पादन घाटा उठाना पड़ेगा। हालांकि ज्यादातर वाहन कंपनियां नए साल में खरीदारों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए कुछ नई पेशकश कर सकती हैं लेकिन बाजार की प्रमुख कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया की योजनाओं से वाकिफ लोगों का कहना है कि कंपनी का कैलेंडर सबसे अधिक व्यस्त होगा क्योंकि कंपनी अपनी गाडिय़ों में नए बदलाव के साथ नई पेशकश करेगी।
मारुति की योजना नई सुजूकी विटारा ब्रेजा, नई बलेनो और ऑल्टो के अलावा एक नई एसयूवी पेश करने की है जो हुंडई क्रेटा को टक्कर देगी। इसके बाद टोयोटा ग्लैंजा और अर्बन क्रूजर (सुजूकी के रीबैज मॉडल्स) को भी नई जेनरेशन के मुताबिक ढाला जाएगा। प्रतिस्पद्र्धी कंपनी किया, हुंडई, टाटा मोटर्स और महिंद्रा की तुलना में एसयूवी सेगमेंट में अपेक्षाकृत निष्क्रियता की वजह से मारुति की बाजार हिस्सेदारी पर दबाव दिखा है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में यात्री वाहन श्रेणी में इसकी बाजार हिस्सेदारी 48.1 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में 43 प्रतिशत से नीचे हो गई है। कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में जिसमें ब्रेजा की बिक्री होती है, उसमें मारुति की हिस्सेदारी 90 आधार अंक कम होकर 14.4 प्रतिशत हो गया है। ब्रोकिंग कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019 में कंपनी की हिस्सेदारी 35.4 फीसदी थी। दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हुंडई मोटर इंडिया, तीन नए मॉडल लॉन्च करने वाली है जिसमें एक मल्टीपरपज वाहन, नई पीढ़ी टकसन (प्रीमियम एसयूवी), आयनआईक्यू 5 और एक ई-कार भी शामिल है। कंपनी की योजना से वाकिफ एक व्यक्ति का कहना है कि कंपनी एसयूवी बाजार में अपनी स्थिति बेहतर करना चाहती है और इलेक्ट्रिक कार (ईवी) की रेस में भी आगे बढऩा चाहती है। इसके अलावा टाटा मोटर्स, किया मोटर्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर इंडिया की तरफ से भी नए मॉडल की पेशकश किए जाने की उम्मीद है। महिंद्रा नई जेनरेशन की स्कॉर्पियो की पेशकश कर सकती है। टाटा मोटर्स ने 2021 में कई गाडिय़ां लॉन्च की और मुमकिन है कि कंपनी नए मॉडल के दूसरे वेरियंट या फेसलिफ्ट मॉडल लाए।
