facebookmetapixel
PM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधारDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौकात्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंदQ2 में बंपर मुनाफे के बाद 7% उछला ये शेयर, ब्रोकरेज बोले – BUY; ₹298 तक जाएगा भाव

पेट्रोल, डीजल वाहनों का आकर्षण कायम

Last Updated- December 12, 2022 | 9:32 AM IST

वैश्विक स्तर पर कार खरीदारों के बीच डीजल अथवा पेट्रोल मॉडलों को खरीदने का रुझान एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है क्योंकि मौजूदा अनिश्चितता के दौरान में ग्राहक सस्ती और जांची-परखी तकनीक को तलाश रहे हैं। डेलॉयट के ग्लोबल कंज्यूमर स्टडी 2021 से यह खुलासा हुआ है।
इस अध्ययन में छह देशों के प्रतिभागियों को शामिल किया गया है। इनमें अमेरिका के बाद भारत ऐसा दूसरा देश है जहां गैर-पेट्रोल/ डीजल वाहनों के लिए ग्राहकों की प्राथमिकता में भारी गिरावट दिख रही है। अध्ययन से पता चलता है कि वैकल्पिक र्ईंधन वाले वाहनों को पसंद करने वाले खरीदारों का प्रतिशत घटकर 32 फीसदी रह गया जो एक साल पहले 49 फीसदी रहा था।
दिलचस्प है कि भारत में 32 फीसदी जिन लोगों ने पारंपरिक इंजन के विकल्प वाली कारों को पसंद करने की बात की है उनमें 24 फीसदी लोगों ने विकल्प के रूप में हाइब्रिड को चुना न कि शुद्ध इलेक्ट्रिक को। यह ऐसे समय में दिख रहा है जब हाइब्रिड के मुकाबले इलेक्ट्रिक को कहीं अधिक नीतिगत बढ़ावा दिया जा रहा है।
हाइब्रिड के रूप में मध्य मार्ग को अपनाने वाले अधिकतर देशों के विपरीत भारत ने पेट्रोल/ डीजल वाहनों से सीधे शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए छलांग लगाने की कोशिश की है। डेलॉयट के पार्टनर एवं ऑटोमोटिव सेक्टर के लीडर राजीव सिंह ने कहा कि यह उन खरीदारों के लिए बहुत अच्छा नहीं है जो पहले हाइब्रिड और उसके बाद शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने में कहीं अधिक सहज महसूस करते हैं।
सिंह ने कहा, ‘ई-कार कोई दोपहिया वाहन नहीं है जिसे कहीं भी चार्ज किया जा सकता है। इसके लिए उचित बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है।’ उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों के दौरान भारतीय ग्राहक विकसित हुए हैं और रेंज, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कारकों के अलावा ड्राइविंग संबंधी प्रदर्शन भी उनके लिए एक मानदंड बन गया है।
इस वैश्विक वाहन सर्वेक्षण का आयोजन सितंबर 2020 से अक्टूबर 2020 के दौरान किया गया था। इसमें प्रतिभागियों से सवाल पूछा गया था कि आप अपने अगले वाहन में किस प्रकार के इंजन को पसंद करेंगे? सर्वेक्षण में अमेरिका, भारत, जर्मनी, चीन, जापान और उत्तर कोरिया जैसे देशों को शामिल किया गया।
सर्वेक्षण से पता चला कि पेट्रोल/डीजल इंजन वाले वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों को पसंद करने वाले लोगों की तादाद काफी कम थी। इससे स्पष्ट है कि तमाम चिंताओं के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों का रुझान काफी सीमित है। लोगों ने जिन मुद्दों को लेकर चिंता जताई उनमें रेंज, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का अभाव, लागत मूल्य, सुरक्षा आदि शामिल हैं।
इस सर्वेक्षण के निष्कर्ष से लोगों के खरीद संबंधी व्यवहार और उनकी पसंद पर वैश्विक महामारी के प्रभाव का भी पता चलता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग में नरमी के जोखिम के मद्देनजर भारत और चीन में ग्राहक अगली वाहन खरीद के लिए अपनी पसंद पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं।

First Published - January 19, 2021 | 11:28 PM IST

संबंधित पोस्ट