वैकल्पिक वाहन ईंधन प्रौद्योगिकी की ओर भारत के बढ़ते कदम को टाटा मोटर्स और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की पहल से बल मिलेगा। टाटा मोटर्स को 15 हाइड्रोजन ईंधन वाली बसों के लिए इंडियन ऑयल से ऑर्डर मिला है। दोनों कंपनियों के बीच इस करार से फरीदाबाद में इंडियन ऑयल के अनुसंधान एवं विकास केंद्र के लिए बसों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। टाटा मोटर्स देश की सबसे बड़ी ईंधन विपणन कंपनी की आरऐंडडी परियोजनाओं में सहयोग कर रही है।
टाटा मोटर्स वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी और अग्रणी बस विनिर्माता है। दोनों कंपनियां साथ मिलकर वाणिज्यिक बसों के लिए संभावित ईंधन सेल प्रौद्योगिकी पर अध्ययन करेंगी। इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वास्तविक-दुनिया की स्थिति में सार्वजनिक परिवहन के लिए इन बसों का संयुक्त परीक्षण, रखरखाव एवं परिचालन किया जाएगा। इन बसों में हाइड्रोजन ईंधन भरा जाएगा जिसे इंडियन ऑयल द्वारा तैयार एवं वितरित किया जाएगा।
इंडियन ऑयल के निदेशक (आरऐंडडी) एसएसवी रामकुमार ने कहा कि कंपनी परीक्षण के तौर पर रोजाना एक टन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापित करेगी जो चार नवोन्मेषी मार्गों पर आधारित होंगे। इसके अलावा ईंधन सेल अनुसंधान के लिए टाटा मोटर्स के साथ सहयोग किया जाएगा।
वास्तव में इंडियन ऑयल ईंधन के रूप में हाइड्रोजन सीएनजी (एचसीएनजी) के उपयोग के लिए परीक्षण के तौर एक परियोजना भी चला रही है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के मद्देननजर एनसीआर क्षेत्र में 50 एचसीएनजी बसें चलाई जाएंगी जो बीएस4 मानदंडों के अनुरूप होंगी।
