टाटा मोटर्स को सहायक इकाई जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) में चिप किल्लत और भारत में लॉकडाउन की दोहरी समस्या का सामना करना पड़ा, जिससे जून तिमाही में उसका परिचालन प्रदर्शन प्रभावित हुआ। कंपनी का एबिटा तिमाही आधार पर 650 आधार अंक घटकर 7.9 प्रतिशत रह गया। हालांकि यह गिरावट काफी अधिक थी, लेकिन इस संदर्भ में कंपनी का प्रदर्शन बाजार अनुमान के मुकाबले बेहतर रहा है।
कंपनी के शेयर पर दबाव देखा गया और मंगलवार के कारोबार में इसमें 1 प्रतिशत की कमजोरी आई। इसकी मुख्य वजह जेएलआर के लिए अल्पावधि परिदृश्य है। कंपनी ने सेमीकंडक्टर की किल्लत की वजह से वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में उत्पादन में 50 प्रतिशत कटौती का संकेत दिया है। प्रबंधन ने उत्पादन संबंधित समस्याओं की वजह से वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में परिचालन लाभ स्तर पर नुकसान और नकारात्मक मुक्त नकदी प्रवाह यानी एफसीएफ (2 अरब पौंड) का अनुमान जताया है।
एमके रिसर्च के रघुनंदन एन एल के नेतृत्व में विश्लेषकों ने कहा है कि नकारात्मक कारक जेएलआर की दूसरी तिमाही का अनुमान था। यह अनुमान कमजोर एबिटा मार्जिन और एफसीएफ के साथ 650,000 यूनिट की थोक बिक्री को लेकर था। कंपनी को 6.6 करोड़ पौंड का उत्सर्जन संबंधित जुर्माना चुकाना पड़ा था, क्योंकि उत्पाद मिश्रण में उसका इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अनुपात 8.5 प्रतिशत था, जो 12 प्रतिशत के अनिवार्य स्तर से काफी कम है। उनका कहना है कि मजबूत ऑर्डर बुक के बावजूद, चिप किल्लत ने जेएलआर को यह लक्ष्य हासिल करने से रोका है। कंपनी को वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में नकारात्मक एबिटा मार्जिन में बदलाव आने की संभावना है और उसने 7 प्रतिशत एबिटा मार्जिन के अपने मध्यावधि (वित्त वर्ष 2024) लक्ष्य को पुन: दोहराया है। जेएलआर के लिए वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही का एबिटा मार्जिन -0.7 प्रतिशत पर दर्ज किया गया, वहीं समेकित स्तर पर यह -1.4 प्रतिशत था।
मुनाफे पर लगातार दबाव के अलावा, ब्रोकरों ने जेएलआर की प्रतिस्पर्धी कमजोरी पर भी ध्यान दिया है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के हितेश गोयल और ऋषि वोरा ने लिखा है, ‘हमारा मानना है कि प्रतिस्पर्धा इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में काफी तीव्र है और जेएलआर प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने इलेक्ट्रिक वाहन काफी देर से पेश कर रही है, जिससे बाजार भागीदारी नुकसान को बढ़ावा मलि सकता है। इसके अलावा, ईवी स्पेस में जेएलआर का निवेश अन्य वैश्विक कंपनियों के मुकाबले काफी कमजोर है।’ ब्रोकरेज ने ‘बिक्री’ रेटिंग दी है, क्योंकि जेएलआर प्रतिस्पर्धियों बीएमडब्ल्यू के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 आय अनुमानों के 8.9 गुना ऊंचे मल्टीपल पर कारोबार कर रहा है। बीएमडब्ल्यू के लिए यह आंकड़ा 7.2 गुना पर है। कंपनी पर ‘तटस्थ’ रेटिंग देने वाली नोमुरा रिसर्च ने भी ईवी के अभाव को जेएलआर की प्रमुख दीर्घावधि चिंता के तौर पर करार दिया है।
जहां भारतीय व्यवसाय का राजस्व लॉकडाउन की वजह से तिमाही आधार पर 41 प्रतिशत घटा, वहीं यह ऊंची प्राप्तियों के कारण विश्लेषक अनुमानों की तुलना में बेहतर रहा।मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल रिसर्च के अनुसार, हालांकि वाणिज्यिक वाहन व्यवसाय के लिए मार्जिन मार्च तिमाही के 9.1 प्रतिशत के मुकाबले 0.1 प्रतिशत पर सपाट रहा, वहीं यात्री वाहन सेगमेंट ने 4.1 प्रतिशत का मुनाफा दर्ज किया, जो परिचालन मुनाफे में सुधार की लगातार चौथी तिमाही रही। ब्रोकरेज ने कंपनी पर ‘खरीदें’ रेटिंग दी है और अपने वित्त वर्ष 2022 के मुनाफा अनुमानों में कटौती की है, हालांकि उसने वित्त वर्ष 2023 के अपने अनुमानों में कोई बदलाव नहीं किया है।
अल्पावधि चुनौतियों के बावजूद कई ब्रोकर कंपनी के दीर्घावधि परिदृश्य को लेकर सकारात्मक बने हुए हैं।