उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों एक साथ चार स्थानों पर ‘खेलो इंडिया’ यूनिवर्सिटी गेम्स का सफल आयोजन किया गया। इसी साल होने वाले एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप के भी कई मैच प्रदेश की राजधानी लखनऊ में खेले जाएंगे। प्रदेश के स्टेडियम इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मैचों की सफल मेजबानी भी कर चुके हैं। दुनिया भर में रोमांच के लिए मशहूर सबसे तेज मोटर बाइक रेसिंग प्रतियोगिता मोटो जीपी का आयोजन इस साल के अंत में उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि इस तरह की बड़ी और नामी-गिरामी स्पर्द्धाओं के आयोजन से उत्तर प्रदेश न केवल मजबूत ब्रांड बनकर उभरेगा बल्कि यहां निवेश बढ़ेगा और बुनियादी ढांचे की सुविधाएं भी बढ़ेंगी। बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ साक्षात्कार में सहगल ने बड़े आयोजनों को जरूरी बताते हुए इनके कई पहलुओं पर बात की। मुख्य अंश:
खेल प्रतियोगिताएं प्रदेश को ब्रांड के तौर पर स्थापित करने में कितनी मददगार हैं?
देखिए, बड़ी खेल प्रतियोगिताएं देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हमारे प्रदेश की साख और धाक बनाती हैं। बड़ी और प्रसिद्ध प्रतियोगिता का आयोजन होने से ब्रांड यूपी मजबूत बनता है। आईपीएल के मैचों का सफल आयोजन हो या खेलो इंडिया स्पर्द्धाएं, इन सभी से उत्तर प्रदेश ब्रांड के तौर पर मजबूत होकर उभरा है। बड़ा आयोजन हो तो अर्थव्यवस्था में तेजी आती है और नई किस्म के रोजगार भी पैदा होते हैं। हाल में हुए कुछ बड़े कार्यक्रमों को देख लें तो आपको पता चल जाएगा कि उनके कारण कैसे बुनियादी ढांचा सुविधाएं बढ़ीं ओर रोजगार में भी इजाफा हुआ। खेल स्पर्द्धाओं की अलग अर्थव्यवस्था होती है और बड़े इलाके को उसका फायदा मिलता है।
क्या खेल प्रतियोगिताएं भी निवेश बढ़ाने में सहायक हैं?
बिलकुल। पिछले हफ्ते ही प्रदेश में मोटो जीपी बाइक रेसिंग के आयोजन का ऐलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। पहली बार यह बाइक रेसिंग यूरोप से बाहर निकल रही है और किसी दूसरे देश में हो रही है। अब यूरोप से बाहर आकर पहली बार इसका उत्तर प्रदेश होना बहुत बड़ी बात है। इसके आयोजन से प्रदेश में कम से 1,000 करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधि होने की संभावना है, जिसमें कम से कम 5,000 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। हाल ही में संपन्न हुए खेलो इंडिया गेम्स से भी आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। अभी तो क्रिकेट विश्व कप के मैच भी उत्तर प्रदेश में होने हैं।
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मोटो जीपी के आयोजन से एनसीआर क्षेत्र पर क्या फर्क पड़ेगा?
पर्यटन से लेकर रियल एस्टेट तक हर क्षेत्र पर फर्क पड़ेगा। कुछ साल पहले जब ग्रेटर नोएडा में फॉर्मूला वन का आयोजन हुआ था तो उस पूरे इलाके में रियल एस्टेट ने रफ्तार पकड़ ली थी। यह अलग बात है कि कुछ कारणों से यह स्पर्द्धा आगे नहीं हो सकी। मगर मोटो जीपी को सालाना स्पर्द्धा के रूप में हर साल आयोजित किया जाएगा। इससे एक बार फिर समूचे एनसीआर क्षेत्र में रियल एस्टेट की परियोजनाओं को गति मिलेगी। इसके कारण आतिथ्य उद्योग के तो अभी से वारे न्यारे हो गए हैं। मोटो जीपी के आयोजन की तारीखों पर एनसीआर के कमोबेश सभी प्रमुख होटलों में सभी कमरे बुक हो गए हैं। जहां नहीं हुए हैं, वहां भी किराये बहुत बढ़ गए हैं।
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ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर भी इसका कोई असर पड़ेगा?
हर क्षेत्र अपने-अपने हिस्से का योगदान करेगा तो यह लक्ष्य आसानी से पाया जा सकता है। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रदेश को बड़े निवेश की और औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियों की जरूरत है। इसमें एक जिला एक उत्पाद से लेकर खेल आयोजनों तक सभी की भूमिका है। किसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता। मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश खेलों का अड्डा बन जाएगा तो खेल सामाग्री से लेकर होटल, गेस्ट हाउस और रियल एस्टेट तक लगभाग हर उद्योग पर असर पड़ेगा। कारोबार बढ़ेगा तो उसका असर समूची अर्थव्यवस्था पर ही होगा।