ओला इलेक्ट्रिक ने पांच साल में 3,500 करोड़ रुपये के कुल निवेश के लिए प्रतिबद्धता जताई है। यह रकम वाहन उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत ऐसी फर्मों (2,000 करोड़ रुपये) के लिए न्यूनतम आवश्यक निवेश से कहीं अधिक है। कंपनी उन छह गैर-वाहन निवेशकों में शामिल है जिसे इस योजना के लिए मंजूरी दी गई है।
सूत्रों का कहना है कि ओला ने घोषणा की थी कि वह 20 करोड़ शुरुआती क्षमता के साथ अपनी इलेक्ट्रिक दोपहिया संयंत्र में पहले चरण के तहत 2,400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी ने कहा था कि फरवरी से मार्च 2021 तक काम शुरू हो जाएगा। योजना शर्तों के अनुसार, कंपनी अपने नए संयंत्र पर जो निवेश कर चुकी है उसे भी योजना का हिस्सा माना जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि 1 अप्रैल 2021 से होने वाले कुल नए घरेलू निवेश को इस योजना के तहत माना जाएगा।
ओला को गैर-वाहन कंपनी के तौर पर पीएलआई के लिए आवेदन करने का भी फायदा मिलेगा। पीएलआई योजना के तहत ऐसी कंपनियों को उन मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) के तौर पर परिभाषित किया गया है जिन्हें 31 मार्च 2021 तक वाहन विनिर्माण से कोई राजस्व प्राप्त नहीं होता था।
ओला ने अपने स्कूटर की बिक्री 2021 के अंत में शुरू की थी। इसके अलावा वह गैर-वाहन कंपनियों के लिए महज 1,000 करोड़ रुपये की हैसियत संबंधी मानदंड को भी पूरा करती है। ओला इलेक्ट्रिक ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
ओला इलेक्ट्रिक की प्रमुख प्रतिस्पर्धी और बेंगलूरु के स्टार्टअप एथर एनर्जी को पीएलआई योजना के तहत मंजूरी नहीं मिली है। एथर एनर्जी ने भी मौजूदा दोपहिया चैंपियंस श्रेणी के तहत आवेदन किया था। एथर में हीरो मोटोकॉर्प का निवेश है।
एथर एनर्जी के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया। सूत्रों ने कहा कि उसने केंद्र सरकार से संपर्क किया है और यह जानने की कोशिश की है कि उसका चयन क्यों नहीं हो पाया जबकि वह पहला इलेक्ट्रिक दोपहिया स्टार्टअप है और पिछले दो साल से देश में स्कूटरों की बिक्री कर रही है।
कुछ अन्य कंपनियों का कहना है कि ऐसा लगता है कि पीएलआई योजना के तहत मौजूदा इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों को नजरअंदाज किया गया है। यही कारण है कि उनके लिए सख्त वित्तीय पात्रता के नियम बनाए गए हैं जबकि गैर-वाहन कंपनियों के लिए उसे बेहद आसान बना दिया गया है।
हालांकि कुछ विश्लेषकों ने इस योजना का बचाव करते हुए दलील दी है कि सरकार का उद्देश्य बड़े निवेशकों को आकर्षित करना है जो काफी अधिक निवेश कर सकें। इसलिए, एथर एनर्जी के निवेश हीरो मोटोकॉर्प को शामिल नहीं किया गया है जबकि वह दोपहिया बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है।
एथर एनर्जी पिछले तीन साल से इलेक्ट्रिक दोपहिया बना रही है और उसने मौजूदा वाहन कंपनी के तौर पर पीएलआई के लिए आवेदन किया था। इस श्रेणी में उसे सख्त पात्रता मानदंडों से जूझना पड़ रहा है। इस योजना के तहत गैर-वाहन कंपनियों को 13 से 16 फीसदी के दायरे में प्रोत्साहन दिया गया है जो बिक्री मूल्य पर निर्भर करेगा।
