देश की प्रमुख कार विनिर्माता मारुति सुजूकी को शहरी बाजारों में भले ही बिक्री बढ़ाने के लिए जूझना पड़ रहा हो, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कंपनी के वाहनों की बिक्री तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। घरेलू बाजार में मारुति की बिकने वाली 10 कार में से 4 की बिक्री ग्रामीण इलाकों में हुई है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 8 महीनों में ग्रामीण बाजार में मारुति की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी बढ़ी है जबकि शहरी बाजारों में बिक्री में महज 3 फीसदी का इजाफा हुआ है। अप्रैल से नवंबर के बीच कंपनी ने घरेलू बाजार में 8,11,809 कारें बेचीं, जबकि पिछले साल इस दौरान 7,23,120 कार बिकी थीं।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में सहायक निदेशक श्रुति साबू ने कहा, ‘ग्रामीण भारत में सकारात्मक आर्थिक परिदृश्य से कंपनी को यात्री वाहनों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिली, लेकिन दोपहिया वाहनों के साथ ऐसा नहीं है। दोपहिया वाहनों की बिक्री कई साल के निचले स्तर पर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अनाज के दाम, न्यूनतम समर्थन मूल्य, जलाशयों में जलस्तर और ग्राहकों में आत्मविश्वास के सूचकांक सहित सभी संकेतक ग्रामीण इलाकों में बढ़े हैं। इससे आर्थिक रूप से संपन्न लोगों के पास खर्च करने के लिए अतिरिक्त पैसे आए हैं, जिससे कारों की बिक्री बढ़ी है।’
दूसरी ओर प्रवेश स्तर की मोटरसाइकलों और स्कूटरों की बिक्री में तेजी नहीं आई क्योंकि दाम में इजाफे से इस सेगमेंट के खरीदारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
दोपहिया वाहनों के दाम दो साल में चार बार बढ़े हैं और पेट्रोल के महंगे दाम ने भी ग्रामीण इलाकों के लोगों को खरीदारी के लिए हतोत्साहित किया है। पिछले महीने को छोड़ दें तो चालू वित्त वर्ष के बाकी महीनों में ट्रैक्टरों की बिक्री भी बढ़ी है।
मारुति सुजूकी इंडिया में वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (सेल्स एवं मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि कुछेक साल को छोड़ दें तो हर साल ग्रामीण इलाकों में मारुति की बिक्री शहरी इलाकों की तुलना में ज्यादा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में सभी सकारात्मक कारकों का बिक्री पर अच्छा प्रभाव पड़ा है। इस साल शहरी इलाकों में चिप की किल्लत से बिक्री प्रभावित हुई लेकिन ग्रामीण बाजारों में बिक्री बढऩे से कंपनी को राहत मिली है।
उन्होंने कहा कि छोटी कारों में अलग तरह की चिप की जरूरत होती है और उसकी आपूर्ति को लेकर ज्यादा समस्या नहीं है। इसलिए ऑल्टो और एस-प्रेसो की उपलब्धता बेहतर है। ऑल्टो की कुल बिक्री में 61 फीसदी ग्रामीण इलाकों में होती है जबकि एस-प्रेसो की कुल बिक्री में ग्रामीण बाजारों की हिस्सेदारी 52 फीसदी है।
श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बिक्री बढ़ रही है लेकिन शहरी इलाकों की भरपाई इससे नहीं हो पाएगी क्योंकि कंपनी की ज्यादातर बिक्री और मुनाफा शहरी इलाकों से ही होता है। बाजार के बेहतर प्रदर्शन के लिए शहरी इलाकों में भी बिक्री में तेजी की दरकार है।
बेहतर उपलब्धता की वजह से अप्रैल से नवंबर के दौरान ऑल्टो और एस-प्रेसो की बिक्री पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 12 फीसदी बढ़ी है। लेकिन महंगी कारों की बिक्री लगभग स्थिर रही है या गिरावट आई है।
