दक्षिण कोरिया की वाहन दिग्गज अपने निवेश का एक बड़ा हिस्सा भारतीय बाजार के लिए किफायती इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की रणनीति में करेगी। कंपनी लागत कम करने के लिए विनिर्माण का एक बड़ा भाग स्थानीय स्तर पर लाने के वास्ते बैटरी बनाने वालों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत कर रही है और इसके लिए 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
हुंडई इंडिया के प्रबंध निदेशक एसएस किम ने कहा ‘हमारे पास उत्पाद और तकनीक है तथा हम भारतीय बाजार के हालात और यहां के बुनियादी ढांचे की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। हम कुछ ऐसे विकल्पों के साथ आएंगे, जो भारतीय बाजार के लिए बेहतरीन होंगे। यह हमारी भविष्य की रणनीति में पहले स्थान की प्राथमिकता है।’
इस कार विनिर्माता की इलेक्ट्रिक एसयूवी कोना वर्ष 2019 में पेश की गई थी। यह रणनीति भी इसी से संबंधित है। हुंडई इंडिया के निदेशक (विपणन और बिक्री) तरुण गर्ग ने कहा कि हमने कोना की शुरुआत की थी, लेकिन हम समझते हैं कि यह सुपर-प्रीमियम खरीदार के लिए थी। सार्थक मात्रा प्राप्त करने के लिए हमें बड़े स्तर वाले खंड में उपस्थित रहने की आवश्यकता है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं। गर्ग ने इसकी शुरुआत के लिए कोई समयसीमा देने से इनकार कर दिया।
गर्ग ने कहा कि एक ऐसी कंपनी के बाजय, जो केवल कारों की बिक्री करती है, भारत में हुंडई खुद को आवागमन के समाधान के रूप में पेश करने का इरादा रखती है। देश में 25 साल पूरे करने वाली कार विनिर्माता कंपनी हुंडई भारतीय बाजार में चार अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुकी है और अपने आगमन के बाद से इसकी कुल वाहन बिक्री 90 लाख से ज्यादा तक पहुंच चुकी है। देश भर में इसका कुल 1,154 डीलरशिप और 1,298 बिक्री उपरातंत वर्कशॉप वाला बिक्री नेटवर्क है।
टाटा मोटर्स की ब्र्रिटेन स्थित सहायक कंपनी जेएलआर ने इस सप्ताह घोषणा की थी कि सभी जगुआर कारें और प्रत्येक 10 लैंड रोवर मॉडलों में से छह वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक हो जाएंगे। कंपनी विद्युतीकरण और संबंधित प्रौद्योगिकियों में एक साल के दौरान करीब 2.5 अरब पाउंड (3.5 अरब डॉलर) का निवेश करेगी।
इसकी मूल कंपनी हुंडई मोटर्स और इससे संबद्ध किया मोटर्स ने वर्ष 2019 में घोषणा की थी कि वे ईवी और स्व-चालित कारों समेत भविष्य की आवागमन प्रौद्योगिकियों में 35 अरब डॉलर का निवेश करेंगी। पिछले साल उन्होंने ईवी विनिर्माण को समर्पित एक नए प्लेटफॉर्म का अनावरण किया था और वर्ष 2025 तक 23 इलेक्ट्रिक वाहन लाने की योजना बनाई थी।