facebookmetapixel
Credit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: पीएम ओली का इस्तीफा, एयर इंडिया-इंडिगो ने उड़ानें रद्द कीं; भारतीयों को नेपाल न जाने की सलाह26% तक चढ़ने को तैयार Adani Green, Suzlon समेत ये 5 Energy Stocks, टेक्निकल चार्ट पर दिख रहा ब्रेकआउटसोना ₹1.1 लाख के पार, चांदी 13 साल के हाई पर: निवेशकों के लिए क्या हैं इसके मायनेUP में बड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर! 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट्स को सिर्फ 15 दिन में मिलेगी जमीनMiniratna PSU ने डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट तय की, जानिए कब और कितनी रकम मिलेगीJane Street vs SEBI: SAT ने जेन स्ट्रीट की अपील स्वीकार की, अगली सुनवाई 18 नवंबर कोVice President Elections: पीएम मोदी और राजनाथ सिंह ने डाला वोट, देश को आज ही मिलेगा नया उप राष्ट्रपति

कोविशील्ड का इस्तेमाल तेज मगर कोवैक्सीन से परहेज!

Last Updated- December 12, 2022 | 8:10 AM IST

कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू हुए करीब एक महीना हो चुका है लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में देश में ही विकसित भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की एक भी खुराक लोगों को नहीं लगाई गई है। देश में दो टीकों-कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड को आपात उपयोग की मंजूरी मिली है।
छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्यों ने आवंटित कोवैक्सीन का उपयोग नहीं किया है, वहीं अधिकांश केंद्र शासित प्रदेशों और पूर्वोत्तर राज्यों को केंद्र द्वारा इस टीके की आपूर्ति नहीं की गई है। जहां भी कोवैक्सीन का उपयोग किया गया है, वहां इसके इस्तेमाल की दर कोविशील्ड की तुलना में काफी कम है।
पश्चिमी राज्य गुजरात में पहले चरण के दौरान लाभार्थियों को सबसे ज्यादा 1,06,043 कोवैक्सीन टीके लगाए गए हैं। पश्चिम बंगाल में 9 फरवरी तक महज 720 लाभार्थियों को कोवैक्सीन लगाया गया है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 6,64,084 कोवैक्सीन टीके लगाए गए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लोकसभा के साथ साझा किए गए आंकड़ों से पता चली है।
छत्तीसगढ़, गोवा, केरल, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों-मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम जैसे राज्यों में कोवैक्सीन की एक भी खुराक नहीं दी गई है। इसके अलावा लद्दाख, चंडीगढ़, दमन एवं दीव, दादरा और नागर हवेली जैसे केंद्रशासित प्रदेश में स्वदेशी कोवैक्सीन का उपयोग नहीं किया गया है बल्कि एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई कोविशील्ड का उपयोग किया गया है।
छत्तीसगढ़ और केंद्रशसित प्रदेश चंडीगढ़ ने जनवरी में ही संकेत दिया था कि वे अपने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोवैक्सीन लगाने को लेकर तब तक सहज नहीं होंगे जब तक कि टीके के असरदार होने का संपूर्ण डेटा उपलब्ध नहीं हो जाता है।
हालांकि टीकाकरण के बाद देश भर में अब तक 23 लोगों के मरने की खबर है, जिनमें से अधिकांश को कोविशील्ड लगाया गया था। अलबत्ता, सरकार का कहना है कि इनमें से एक भी मौत सीधे तौर पर कोविड-19 टीकाकरण से जुड़ी नहीं है और दोनों ही टीके सुरक्षित हैं। सरकार द्वारा पिछले हफ्ते जारी आंकड़ों के अनुसार कुल टीकाकरण में मौत का प्रतिशत 0.0003 फीसदी से भी कम है।वैसे राज्यों के पास टीके चुनने का विकल्प नहीं है।

First Published - February 17, 2021 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट