facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

अमीर कोरोना से परेशान तलाश रहे भीड़भाड़ से दूर मकान

Last Updated- December 12, 2022 | 4:30 AM IST

कोविड-19 की एक के बाद एक लहरें महानगरों को हलाकान किए हुए हैं। ऐसे में अमीर तबके के लोग महफूज जगहों पर ‘दूसरा घर’ खरीदने की सोचने लगे हैं। वे अपने शहर के बाहरी इलाकों, मझोले शहरों, शहर में ही हरियाली के बीच खुली जगह वाले मगर भीड़भाड़ से दूर इलाकों या विदेश के उन शहरों में मकान खरीदने की जुगत में हैं, जहां कोरोना पर अच्छी तरह काबू पाया गया है।
रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया में वरिष्ठ निदेशक ऋतेश मेहता ने कहा, ‘मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलूरु जैसे शहरों में रहने वाले हमारे धनी ग्राहकों ने दूसरे घर के लिए कोविड से पहले के मुकाबले 20 से 30 फीसदी ज्यादा पूछताछ की हैं और दूसरी लहर की वजह से इसमें और बढ़ोतरी हो रही है। ज्यादातर अपने पहले घर से 40 से 300 किलोमीटर दूर ऐसा दूसरा घर तलाश रहे हैं, जो ज्यादा हरी-भरी जगह पर हो, ज्यादा खुला हो और ज्यादा सुरक्षित हो। शुरुआत में तो केवल पूछताछ हो रही थी मगर अब सौदे भी कोविड से पहले के मुकाबले 15 से 20 फीसदी ज्यादा हो रहे हैं।’ एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने भी ऐसा ही रुझान पाया है। कंपनी के पास एनसीआर क्षेत्र में कोविड के बाद पूछताछ 30 से 40 फीसदी बढ़ी हैं। मुंबई महानगर क्षेत्र और बेंगलूरु में भी यही स्थिति है। उदाहरण के लिए दिल्ली में छतरपुर और सुल्तानपुर में 10 से 100 करोड़ रुपये कीमत वाले फार्महाउस की ज्यादा मांग है। एनारॉक का कहना है कि कोविड से पहले हर महीने औसतन दो से तीन सौदे होते थे, जो कोविड के दौरान बढ़कर 10 से 12 हो गए।
कंपनी के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘इस समय दूसरी लहर चल रही है, इसलिए हमें लगता है कि मांग बढ़ेगी। लॉकडाउन हटने के बाद महंगे मकान खरीदने वाले खरीदार अच्छे सौदे करने की कोशिश करेंगे।’ वह कहते हैं कि धनी लोगों की रियल एस्टेट खरीदारी के तरीकों में काफी बदलाव आया है। वह कहते हैं, ‘महामारी ने घर के मालिकों पर गहरा असर छोड़ा है और वे रहने के अपने विकल्पों पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं। इसलिए उन्हें लगता है कि दूसरे घर की खरीदारी का विकल्प बना रहेगा।’
जेएलएल का कहना है कि मुंबई में दो तरह के खरीदार हैं। धनाढ्य (एचएनआई) 5 करोड़ से 20 करोड़ रुपये के घर तलाश रहे हैं। उनमें से ज्यादातर जमीन खरीदने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वे अपना घर खुद डिजाइन कर जल्दी से जल्दी या चरणों में बनवाना चाहते हैं। दूसरा समूह उन युवाओं का है, जो 1 करोड़ से 5 करोड़ रुपये तक के घर तलाश रहे हैं। वे अच्छी वाई-फाई कनेक्टिविटी, उचित बुनियादी ढांचा और शहर में अपने कार्यस्थल तक अच्छा सड़क संपर्क मार्ग होने पर अपार्टमेंट भी खरीदने को तैयार हैं।
परामर्शदाताओं का कहना है कि मुंबई के एचएनआई की पसंद अब भी लोनावाला, खंडाला और अलीबाग हैं। इसीलिए इन इलाकों में जमीन के दाम 8 से 10 फीसदी बढ़ गए हैं। युवा वर्ग नासिक (मुंबई से 300 किलोमीटर दूर), करजत, देवलाली और पनवेल की सीमा पर भी जाने को तैयार है। उनकी प्राथमिकता तैयार मकान हैं। एनारॉक का कहना है कि चेन्नई के महाबलीपुरम और कोवलम मेन रोड पर फार्म हाउस की ज्यादा मांग है। गोवा में कोविड-19 के मामले बढ़े हैं मगर एचएनआई का वहां के लिए आकर्षण कम नहीं हुआ है और समुद्र तट के किनारे बने मकानों के लिए 200 करोड़ रुपये तक में सौदे हो रहे हैं।
अमीरों को देश में ही नहीं दुबई जैसी जगहों पर भी मकान भा रहे हैं। कोलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक शुभंकर मित्रा ने कहा कि कि दुबई में अलग-अलग हैसियत वाले लोगों के लिए संपत्ति उपलब्ध है। यहां कीमत 1-2 करोड़ रुपये (मुंबई एवं बेगलूरु के बराबर) से 50 करोड़ रुपये या ज्यादा है।

First Published - May 24, 2021 | 11:30 PM IST

संबंधित पोस्ट