पीजी (प्रेसिडेंसी जनरल) हॉस्पिटल के नाम से मशहूर कोलकाता के आईपीजीएमईआर ऐंड एसएसकेएम हॉस्पिटल को शनिवार से शुरू होने वाले कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए तैयार किया जा रहा है। ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाए गए और कोलकाता के बीचोबीच स्थित अस्पताल में अकादमिक भवन के पड़ोस में ही ‘कोविड टीकाकरण स्थल’ की तख्ती लग गई है।
यहां आईपीजीएमईआर के सभागार की इमारत है, जिसके भीतर चार अस्थायी शिविर तैयार किए गए हैं। सरकार ने प्रत्येक सत्र में 100 लोगों को टीके लगाने की इजाजत दी है। टीका लगवाने के बाद हरेक व्यक्ति को आधा घंटा 700 लोगों की क्षमता वाले इस सभागार में बिताना होगा, जहां उस पर नजर रखी जाएगी। पहले चरण में यहां 8,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे। इनमें डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी और चिकित्सा अधिकारी शामिल होंगे।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मंगलवार को ही 13 शहरों में कोविशील्ड टीका भेज दिया, जिसके बाद अस्पताल शनिवार से शुरू हो रहे टीकाकरण के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली के अस्पतालों में भी आज खूब गहमागहमी दिखी और राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की मौजूदगी में तैयारी चाकचौबंद की जा रही थी। हालांकि टीकाकरण का अभ्यास सफल रहने के कारण सभी अस्पताल आश्वस्त नजर आ रहे हैं।
अपोलो अस्पताल ने टीकाकरण कार्यक्रम के लिए तीन कमरे तय किए हैं। हरेक कमरे में रोजाना 100-100 लोगों को टीके लगाए जाएंगे। अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप में समूह चिकित्सा निदेशक अनुपम सिब्बल ने कहा, ‘फिलहाल सरकार एक अस्पताल में एक ही टीकाकरण केंद्र का इस्तेमालचाहती है। हमारी पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी, जो अधिक सुरक्षित होगी और जिसमें समय भी कम लगेगा।’
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 148 पृष्ठ के दस्तावेज में टीकाकरण अभियान के दिशानिर्देश जारी किए हैं और उन्हीं के मुताबिक तैयारी की गई है। जिन लोगों को टीके लगाए जाएंगे उनकी सूची तैयार करने से लेकर उन्हें ई-प्रमाणपत्र जारी करने तक की प्रकिया कोविन ऐप के जरिये पूरी होगी। पूरी की जाएगी। हरेक व्यक्ति को टीका लगाने के बाद नर्स या स्वास्थ्यकर्मी कोविन ऐप पर ‘यस’ बटन दबाएंगे जिसके बाद संबंधित व्यक्ति के पास एसएमएस पहुंच जाएगा।
इलेक्ट्रिॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ईविन) अब कोविन में तब्दील हो चुका है। कोविन ही बताएगा कि कोविड-19 का टीका किसे लगेगा और कहां लगेगा। टीकाकरण के बाद उस व्यक्ति को प्रमाणपत्र जारी करने तथा दूसरी खुराक के लिए याद दिलाने का काम भी इसी ऐप से होगा।
तमाम शहरों के अस्पतालों में एक जैसी ही तस्वीर दिख रही है। बीएमसी के तहत आने वाले कूपर हॉस्पिटल में अधिकारी और डॉक्टर टीकाकरण से पहले तैयारियों को अंतिम रूप देते दिखे। चूंकि टीकाकरण अभियान पर सभी लोगों की नजरें टिकी हैं, इसलिए डॉक्टर इस पूरी प्रक्रिया को बिना किसी खामी के पूरी करना चाहते हैं। पंजीकरण में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए अलग से वाई-फाई राउटर भी लगाया गया है।
कूपर हॉस्पिटल के डीन डॉ. पिनाकिन गुज्जर ने कहा, ‘हम दो सत्रों में एक साथ 10-10 लोगों को टीका लगा सकते हैं। तैयारी पूरी हो चुकी हैं।’ इस अस्पताल में कोविड-19 पृथक वार्ड अब टीकाकरण केंद्र में तब्दील किया जा चुका है। सामान्य सुविधाओं के अलावा यहां एक चिकित्सक तथा एक बेहोशी की दवा देने वाले चिकित्सक की तैनाती भी होगी। साथ ही आपात स्थिति से निपटने के लिए कुछ आईसीयू (सघन चिकित्सा कक्ष) शैया भी लगाई जा रही हैं। टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया पर ऑनलाइन निगरानी रखी जा रही है, इसलिए उच्च क्षमता वाली मशीनों एवं तकनीकी साजो-सामान की अहमियत बढ़ गई है। चेन्नई में राजीव गांधी गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में अहम तकनीकी उपकरण उच्च गति वाले इंटरनेट से जोड़े गए हैं।
सामाजिक दूरी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए टीका केंद्रों पर पर्याप्त जगह उपलब्ध कराई गई है। कोल्ड चेन के बेहतर रखरखाव और बायोमेडिकल कचरे के प्रबंधन का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। बेंगलूरु के हेब्बल में एस्टर सीएमआई अस्पताल में कर्मचारी सभी तरह के इंतजाम को अंतिम रूप दे रहे हैं और 40 सदस्यीय टीम पूरे काम को बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए लगातार परिश्रम कर रही है।
अस्पताल में संक्रमित मरीजों के सीधे संपर्क में रहने वाले 1,500 कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है जिन्हें तीन दिन के अंतराल में टीका दिया जाएगा। टीका दिए जाने के बाद किसी भी संकट की स्थिति में पल्मोनोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट और जनरल फि जिशियन सहित डॉक्टरों की एक टीम को आपात स्थिति के लिए रखा जाएगा। पहली खेप में कर्नाटक को 54 पेटियों में 648,000 खुराक मिली थीं जिन्हें बेंगलूरु में कोल्ड चेन केंद्र में रखा गया है। बेलगावी में अन्य कोल्ड चेन केंद्रों में 140,000 खुराक मिलने की संभावना है। कुल मिलाकर, पहले चरण में टीकाकरण के लिए 6 लाख से अधिक अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यसेवा से जुड़े कर्मियों का पंजीकरण कराया गया है जिन्हें 200 से अधिक टीकाकरण केंद्रों में टीके दिए जाएंगे। गुजरात में 287 टीकाकरण केंद्रों में अलग-अलग तैयारी चल रही है और इनमें से ज्यादातर या तो नगर निगम के स्कूल या स्वास्थ्य केंद्र हैं।
श्रीमती सुशीलाबेन एम शाह (एसएमएस) मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में तीन टीकाकरण केंद्र बनकर तैयार हैं। प्रत्येक प्रतीक्षा एवं निगरानी कक्ष के लिए अस्पताल के 15 बेड तैयार किए गए हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि टीकाकरण केंद्र में तब्दील एक अन्य नगरपालिका स्कूल में लाभार्थियों के लिए प्रतीक्षा कक्ष कम पड़ सकते हैं। गुजरात में टीकाकरण अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे जिसके तहत सरकारी और निजी क्षेत्र के 4,30,000 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके दिए जाएंगे। वहीं दिल्ली में टीकाकरण अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोक नायक अस्पताल में कर सकते हैं।
बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर देखें तो अंतिम क्षणों की जांच में काफी तेजी आई है। तमिलनाडु में लगभग 47,000 टीकाकरण केंद्रों में 25 करोड़ टीके रखने की क्षमता है। राज्य में 51 वॉक-इन कूलर और 2,800 सेकंडरी कोल्ड स्टोरेज केंद्र तैयार किए गए हैं। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि टीके के बॉक्स में कूलिंग पर्याप्त है या नहीं क्योंकि उन्हें दूरदराज के इलाकों में पहुंचना होगा। पहले चरण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों जैसे डॉक्टरों, नर्सों और सहयोगी स्टाफ सहित अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं मसलन पुलिस और वर्दीधारी सेवाकर्मयों को टीके लगाए जाएंगे। दिल्ली के अस्पतालों में बड़े फ्रीजर लगाए गए हैं जो कुछ लाख खुराक रखने की क्षमता रखते हैं। उनकी सहायता राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘हमने 500 से अधिक कोल्ड स्टोरेज प्वाइंट तैयार किए हैं जिनमें से प्रत्येक को लगभग चार केंद्रों से जोड़ा जाएगा। लॉजिस्टिक्स पर बहुत सावधानी से काम करना होगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले हफ्तों में और अधिक केंद्रों को जोडऩे की योजना बना रही है और इनकी तादाद 1,000 तक होने की संभावना है।
पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रों की तादाद बढ़ाने की जरूरत हो सकती है लेकिन पहले चरण में इसकी जरूरत नहीं होगी जिसमें छह लाख स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। बीएमसी फि लहाल पहले चरण में आठ अस्पतालों में रोजाना 12,000 व्यक्तियों को टीका लगाने के लिए तैयार है और खुराक की उपलब्धता के आधार पर 75 केंद्रों पर रोजाना 50,000 व्यक्तियों को लाने की योजना तैयार की जा रही है। बुधवार सुबह इसे 1.39 लाख कोविशील्ड की खुराक का पहला बैच मिला। गुजरात के टीकाकरण अधिकारी नयन जानी ने बताया कि राज्य में करीब 2,200 कोल्ड चेन प्वाइंट हैं और पहले चरण के लिए 287 टीकाकरण केंद्र तैयार किए गए हैं। राज्य सरकार ने 17000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने के लिए प्रशिक्षित किया है और 27, 934 टीका केंद्र तैयार हैं जिन्हें बाद के चरणों में इस्तेमाल के लिए रखा जा सकता है।