वह दौर ऐसा था जब मशहूर खिलाड़ी, विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में एक भी गेंद नहीं खेली थी, देश भर के चार्टर्ड अकाउंटेंट मूल्य वर्धित कर (वैट) की पेचीदगियों को समझने की कोशिश कर रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लगभग एक साल पहले अपना आखिरी सार्वजनिक भाषण दिया था और महेंद्र सिंह धोनी के विश्व टी-20 ट्रॉफी उठाने का उत्साह हर जगह छा गया जब संतकुमारन श्रीसंत ने पाकिस्तान के मिस्बाह-उल-हक का कैच लपक लिया था। यह अप्रैल, 2008 की बात है! भारत के पहले यूनिकॉर्न (एक अरब से अधिक हैसियत वाले) में से एक, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का अस्तित्व सामने आया था। यह एक के बाद एक उतार-चढ़ाव वाले दौर की तरह रहा है। शेन वार्न के राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल के उद्घाटन सत्र में ही जीत हासिल की और आश्चर्य की बात है कि उस वक्त ललित मोदी भारत में थे और भारत में क्रिकेट के प्रमुख माने जाते थे।
फिर, 2009 का टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका में आयोजित कराया गया क्योंकि आम चुनावों की तारीख भी उन्हीं दिनों थी। इसके बाद 2010-2011 में धोनी के चेन्नई सुपर किंग्स का दबदबा बढ़ा जिससे दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर के नेतृत्व में शाहरुख खान की कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के लिए पोडियम पर पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हो गया। वे खूबसूरत दिन थे लेकिन धीरे-धीरे हालात बदलने लगे थे। इसके बाद जल्द ही 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के फजीहत भरे दौर की शुरुआत हुई और जिसमें किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि आखिर हुआ क्या और वे 8 या 12 खिलाड़ी कौन थे जिनके नाम सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को दिए गए थे। साथ ही रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को दो सत्रों के लिए निलंबित कर दिया गया। कुछ लोगों के लिए यह अजीब दौर था।
लेकिन, क्रिकेट का दौर अब भी कायम है और कई ऐसे लोग हैं जिनका कहना है कि यह क्रिकेट की तुलना में महज दिखावे का खेल रह गया है और सच्चाई यह है कि यह जीवन का एक हिस्सा है। रोहित शर्मा के लिए छह खिताब (2013, 2015, 2017, 2019 और 2020 में 5 खिताब मुंबई इंडियंस के कप्तान के तौर पर और 2009 में डेक्कन चार्जर्स के साथ) और दिलचस्प बात यह है कि 14 सीजन के बाद भी रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर के साथ जुडऩे वाले कोहली के नाम कोई खिताब नहीं आया।
आईपीएल टूर्नामेंट का इस साल अप्रैल में 15वां आयोजन होगा और शनिवार तथा रविवार को नीलामी के लिए बेंगलूरु में नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी। यह पांचवीं मेगा-नीलामी होगी और अन्य वर्षों की 10 नीलामी को इसमें जोड़ा जा सकता है और इस तरह हर 365 दिनों पर एक नीलामी का आंकड़ा है। फ्रैंचाइजी ने कुल 27 खिलाडिय़ों को अपने पास रखा है जिसमें चेन्नई, मुंबई, डेल्ही कैपिटल्स और कोलकाता ने अधिकतम चार को साथ रखा है जिसकी अनुमति दी गई थी।
590 (370 भारतीय और 220 विदेशी) खिलाडिय़ों पर सप्ताहांत में दांव लगाया जाएगा और शनिवार को उनमें से 161 खिलाड़ी बाहर हो जाएंगे। केएल राहुल नई फ्रैंचाइजी, लखनऊ सुपर जायंट्स की कप्तानी करेंगे और उन्हें इसके लिए 17 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा जबकि हार्दिक पांड्या दूसरी नई टीम गुजरात टाइटंस के लिए 15 करोड़ रुपये में कप्तानी करेंगे।
इस सीजन में आईपीएल के पर्याय कहलाने वाले खिलाडिय़ों में मुंबई इंडियंस के रोहित, सीएसके के रवींद्र जडेजा, बंगलौर के कोहली होंगे। इन सभी को 15 करोड़ रुपये में रीटेन किया गया है, जबकि सीएसके के धोनी (12 करोड़ रुपये) ऋषभ पंत और दिल्ली (16 करोड़ रुपये), केकेआर के आंद्रे रसेल (12 करोड़ रुपये), राजस्थान रॉयल्स के संजू सैमसन (14 करोड़ रुपये) भी बने रहेंगे। लेकिन यह आईपीएल है और यह बहुत पैसा नहीं है ना?
एक फ्रैंचाइजी 90 करोड़ रुपये तक खर्च कर सकती है और इसमें 18 से 25 खिलाड़ी हो सकते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी 2 करोड़ रुपये, 1.5 करोड़ रुपये, 1 करोड़ रुपये, 75 लाख रुपये, 50 लाख रुपये, 40 लाख रुपये, 30 लाख रुपये और 20 लाख रुपये के बीच अपना आधार मूल्य चुन सकते हैं।
इसके अलावा शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन, दक्षिण अफ्रीका के फाफ डु प्लेसिस, क्विंटन डी कॉक और कागिसो रबाडा, ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर और पैट कमिंस और न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट प्रमुख खिलाड़ी हैं जिनका आधार मूल्य 2 करोड़ रुपये है और नीलामी उनके साथ ही शुरू होने की उम्मीद है।
नीलामी का दिन आंकड़ों से भरपूर रहने वाला है। वर्ष 2008 में कोहली ने भारत की कप्तानी की थी और अंडर-19 विश्व कप जीता था और बंगलौर ने उनके लिए 30,000 डॉलर का भुगतान किया था।