गुजरात के बड़ौदा में एयरबस-टाटा के असेंबली प्लांट के उद्घाटन के बाद से ही महाराष्ट्र में राजनीतिक विवाद शुरु हो गया । महा विकास आघाडी (एमवीए) आरोप लगा रही है कि महाराष्ट्र में बड़ी परियोजनाओं को आने से रोका जा रहा है इन परियोजनाओं को गुजरात स्थानांतरित कर दिया गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने दावा किया कि गुजरात स्थित टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और एयरबस की फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) पहले महाराष्ट्र में स्थापित की जानी थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर इसे उनके राज्य में स्थानांतरित कर दिया गया।
बारामती विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि रतन टाटा चाहते थे कि यह परियोजना महाराष्ट्र में लगे और उनके परामर्श से नागपुर एमआईडीसी क्षेत्र में 500 एकड़ का प्लॉट इसके लिए चिह्नित किया गया। यह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान की बात है, जिसका मैं हिस्सा था।
सरकार बदल गई और जब मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने टाटा को फोन करके गुजरात में कारखाना लगाने को कहा। उस परियोजना से महाराष्ट्र में हजारों नौकरियां पैदा होतीं। पवार ने दावा किया कि जब मोदी ने फॉक्सकॉन से महाराष्ट्र के लिए निर्धारित (सेमीकंडक्टर) कारखाना गुजरात में लगाने को कहा तो महाराष्ट्र से हजारों नौकरियां चली गईं। प्रधानमंत्री किसी एक राज्य के नहीं होते, बल्कि उन्हें पूरे देश के बारे में सोचना होता है।
पवार के दूसरे विपक्षी नेताओं के आरोप पर भाजपा नेताओं ने कहा कि महाविकास अघाड़ी लगातार झूठ बोल रही है। विपक्ष की नीति नाणार परियोजना और गडगावन बंदरगाह परियोजना का विरोध करके महाराष्ट्र के विकास को अवरुद्ध करना, अपनी ही सरकार के कार्यकाल में परियोजनाओं को खर्च करना और यह चिल्लाना है कि परियोजनाएं पुरानी हो गई हैं। वे चिल्लाते थे कि प्रोजेक्ट चला गया और जब प्रोजेक्ट आएगा तो विरोध करेंगे, गया तो फिर चिल्लाएंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सोशल मंच एक्स पर कल लिखा था कि महाराष्ट्र में टाटा एयरबस परियोजना को गुजरात ले जाने के लिए महायुति जिम्मेदार है। एयरबस-टाटा का वायुसेना के लिए करीब 22 हजार करोड़ का विमान निर्माण प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में होने वाला था, लेकिन भ्रष्ट गठबंधन की ढिलाई के कारण वह गुजरात चले गए।
कांग्रेस के आरोप पर भाजपा ने कहा कि टाटा एयरबस ने 24 दिसंबर 2021 को ही गुजरात में जीएसटी के लिए आवेदन किया था, जब टाटा एयरबस परियोजना गुजरात में पंजीकृत हो रही थी, तब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी सत्ता में थी।
सरकार के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम को बढ़ावा देते हुए सोमवार को इस संयंत्र का उद्घाटन भारत में निजी क्षेत्र द्वारा विमान एफएएल स्थापित करने का पहला उदाहरण है।
मोदी और स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज द्वारा सोमवार को वडोदरा में एफएएल का उद्घाटन किया गया। इससे तीन साल पहले भारतीय वायुसेना ने अपने पुराने एवीआरओ बेड़े को बदलने के लिए 56 एयरबस सी295 विमानों के अधिग्रहण को औपचारिक रूप प्रदान किया था।
अनुबंध के अनुसार इस एफएएल में टीएएसएल के साथ साझेदारी में 40 इकाइयों का निर्माण और संयोजन किया जाएगा, जबकि 16 को स्पेन के सेविले में एयरबस की अंतिम असेंबली लाइन से ‘फ्लाई-अवे’ स्थिति में भारतीय वायुसेना को दिया जाएगा। अभी तक कुल छह विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है।