मुंबई में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन करते लोग | फोटो: PTI
मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। मनोज जरांगे की अगुवाई में यह आंदोलन सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा। हालात बिगड़ने पर बंबई उच्च न्यायालय ने छुट्टी के दिन भी मामले की तत्काल सुनवाई की। न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अखंड की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं।
अदालत ने कहा कि मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहा यह प्रदर्शन अब शांतिपूर्ण नहीं रहा और सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है। हाई कोर्ट ने सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह किया और प्रदर्शनकारियों को मंगलवार दोपहर तक सड़कें खाली करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति घुगे और न्यायमूर्ति अखंड की पीठ ने कहा कि प्रदर्शनकारी आंदोलन के लिए तय स्थान आजाद मैदान पर नहीं रुके और उन्होंने दक्षिण मुंबई के कई अहम इलाकों को जाम कर दिया। अदालत ने टिप्पणी की कि स्थिति गंभीर है और पूरा शहर लगभग ठहर गया है।
प्रदर्शनकारी सीएसएमटी, चर्चगेट रेलवे स्टेशन, मरीन ड्राइव और बॉम्बे हाई कोर्ट भवन जैसे स्थानों पर जमा हो गए। 29 अगस्त से जरांगे आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वह मराठा समाज को ओबीसी श्रेणी में 10% आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। उनके समर्थकों का दावा है कि जरांगे ने सोमवार से पानी पीना भी छोड़ दिया है।
बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस ने सीएसएमटी की ओर जाने वाले रास्तों पर यातायात डायवर्ट किया और वहां जाने वाली बसों को रोक दिया या उनका मार्ग बदल दिया। सीएसएमटी परिसर में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी नाचते और नारेबाजी करते दिखे, जिससे स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई।
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प्रदर्शनकारियों ने महापालिका मार्ग, जे. जे. मार्ग और डी. एन. रोड पर भी रुकावट डाल दी, जिससे ट्रैफिक लंबे समय तक ठप रहा। आजाद मैदान और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारी आदेश मानते नहीं दिखे।
कुछ समूह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की इमारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे, हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बाहर “एक मराठा, लाख मराठा” और “आरक्षण हमारा हक” जैसे नारे लगाए।
सुबह बड़ी संख्या में लोग सीएसएमटी और बीएमसी मुख्यालय के सामने जमा हो गए, जिससे दफ्तर जाने वालों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। प्रदर्शनकारियों ने कई जगह वाहनों को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें तितर-बितर कर दिया। दक्षिण मुंबई की ओर जाने वाले कई रास्तों को भी बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया है।
मराठा आरक्षण मुद्दे पर बनी मंत्रिमंडलीय उपसमिति के प्रमुख विखे पाटिल ने कहा कि सरकार समाधान निकालने पर काम कर रही है। उन्होंने माना कि इसमें समय लग रहा है, लेकिन समाधान ऐसा होना चाहिए जो अदालत में टिक सके। पाटिल ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों को ध्यान रखना चाहिए कि मुंबई की दिनचर्या प्रभावित न हो, वरना आंदोलन की छवि को नुकसान हो सकता है। उधर, जरांगे ने सरकार से मांग की है कि वह उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर आरक्षण पर एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करे।
सरकार ने रविवार को कहा था कि मराठा समाज को ओबीसी जाति ‘कुनबी’ का दर्जा देने के लिए हैदराबाद गजेटियर लागू करने पर कानूनी राय ली जाएगी।