मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा है कि दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले पर केंद्र के हालिया अध्यादेश के कारण वह नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार द्वारा हाल में लाए गए अध्यादेश के जरिये नौकरशाही पर दिल्ली की निर्वाचित सरकार के नियंत्रण को वापस ले लिया गया है।
इससे पहले, दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को सर्वसम्मति से यह फैसला दिया था कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा प्रशासकीय नियंत्रण है।
AAP शासित पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नीति आयोग के संचालन परिषद की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं। AAP के एक नेता ने बताया कि निधि आवंटित करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के साथ कथित भेदभाव के विरोध में मान ने यह फैसला किया है।
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पार्टी की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने चंडीगढ़ में कहा कि मुख्यमंत्री मान ने 3,600 करोड़ रुपये के बकाया ग्रामीण विकास कोष (RDF) जारी करने की मांग को केंद्र के समक्ष उठाया है, लेकिन वह (केंद्र सरकार) इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।