राज्य सभा चुनाव के अगले ही दिन हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में मची हलचल मच गई और राज्य सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे। राज्य में बुधवार को स्थिति उस समय और नाजुक हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और विक्रमादित्य ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर कई आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
आनन-फानन में कांग्रेस ने तीन पर्यवेक्षकों को पहाड़ी राज्य में गरमाई सियासत को शांत करने के लिए भेजा है। कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की अटकलों के बीच जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की है।
सरकार पर मंडराते संकट को देखते हुए कांग्रेस ने विधायकों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि वह सख्त फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी और जनादेश को बरकरार रखने के लिए सारे विकल्प खुले हुए हैं।
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी लोगों के अधिकार को कुचलकर प्रदेश को ‘राजनीतिक आपदा’ में धकेलना चाहती है। एक दिन पहले ही राज्य सभा चुनाव में विधायकों की संख्या कम होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन ने कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को हराकर जीत हासिल की। कांग्रेस के छह विधायकों के क्रास वोटिंग करने के चलते पार्टी का पूरा गणित गड़बड़ा गया और राज्य सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे।
कांग्रेस ने छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को बतौर पर्यवेक्षक शिमला भेजा है। पार्टी के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला भी शिमला में मौजूद हैं।
समझा जाता है कि कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट विधायक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से नाराज हैं और वह इस पक्ष में हैं कि सुक्खू के स्थान पर किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाए।
लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस्तीफे की घोषणा के बाद कहा, ‘मुझे अपमानित और कमजोर करने की कोशिश की गई, लेकिन आपत्तियों के बावजूद मैंने सरकार का समर्थन किया। वह पिछले दो दिनों के घटनाक्रम से बेहद आहत हैं। इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि कांग्रेस के लिए क्या गलत हुआ।’
इधर, जय राम ठाकुर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के सदस्यों ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की। राज्य विधानसभा की 68 सीट में कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 सीट हैं। बाकी तीन सीट पर निर्दलीयों का कब्जा है। ठाकुर ने राज्यपाल से मिलने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘हम राज्यपाल को स्थिति से अवगत कराने के लिए यहां आए हैं।’