संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा की रिक्त 12 सीटों पर बिना चुनाव के ही फैसला होना तय माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इनमें 9 सीटें मिलेंगी। इनमें वे 2 सीटें भी होंगी, जो वह ‘इंडिया’ खेमे से झटक लेगी। इन सीटों की मदद से भाजपा शीतकालीन सत्र तक 245 सदस्यीय राज्य सभा में अपने सदस्यों की संख्या 100 के करीब पहुंचा देगी।
फिलहाल ऊपरी सदन में भाजपा के 87 सदस्य हैं। पार्टी छह सीटें बरकरार रखेगी और शेष 3 सीटों (2 कांग्रेस से और 1 बीजू जनता दल से) का इसे फायदा होगा। अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का महाराष्ट्र से और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) का बिहार से एक-एक सीट जीतना तय है।
इन एक दर्जन खाली सीटों के अलावा नामित श्रेणी में भी 4 रिक्तियां हैं। अगर ये चारों नामित सदस्य छह महीने के भीतर भाजपा के साथ आते हैं तो पार्टी 100 का आंकड़ा छू सकती है। इस समय 8 नामित सदस्यों में 2 भाजपा के साथ हैं। इन सीटों की मदद से राज्य सभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शीतकालीन सत्र तक बहुमत के करीब पहुंच जाएगा। इससे पहले केवल एक बार ऐसा मौका आया था जब 2022 में भाजपा के राज्य सभा में 100 सदस्य थे।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 2 सीटों का नुकसान होना तय है। पार्टी से राज्य सभा में इसके नेता से नेता प्रतिपक्ष का ओहदा छीनने का खतरा भी पैदा हो गया था मगर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सांसद के केशव राव के इस्तीफे के बाद यह स्थिति टल गई।
राव के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को अभिषेक मनु सिंघवी को तेलंगाना से राज्य सभा भेजने का मौका मिल गया। हालांकि, 2 सीटें (हरियाणा और राजस्थान से एक-एक) हारने के बाद भी कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 25 रहेगी। इंडिया खेमा में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को भी एक सीट का नुकसान उठाना होगा।
इन एक दर्जन सीटों के लिए नामांकन भरने का समय बुधवार शाम समाप्त हो गया। 12 उम्मीदवारों के खिलाफ किसी ने पर्चा नहीं भरा है, इसलिए गुरुवार को उनके नामांकन की जांच के बाद उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया जाएगा। जरूरत हुई तो 3 सितंबर को बाकी सीटों के लिए मतदान होगा।
इन 12 सीटों में 10 सीटें इसलिए रिक्त हुई हैं क्योंकि ये राज्य सभा सांसद लोक सभा के लिए चुने गए हैं। इनमें भाजपा के पीयूष गोयल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल, विप्लव देव एवं अन्य, कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल और दीपेंद्र हुड्डा और राजद की मीसा भारती शामिल हैं। दो अन्य सीटें इसलिए खाली हुई थीं क्योंकि राव कांग्रेस में शामिल होने के लिए बीआरएस से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद उन्हें राज्य सभा से भी इस्तीफा देना पड़ा।
बीजू जनता दल (बीजद) सांसद ममता महंत ने भाजपा में शामिल होने के लिए अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था। राव अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं वहीं, भाजपा ने ममता महंत ने उस सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया था जो उनके इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी। इन 12 खाली सीटों के अलावा जम्मू कश्मीर से भी चार सीटें खाली हैं।