बी एस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सौंप दिया। राज्य में कई महीनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें थी और येदियुरप्पा ने उस दिन इस्तीफा दे दिया जब उनकी सरकार के दो वर्ष पूरे हो गए हैं। उन्होंने इन दो वर्षों को ‘अग्नि परीक्षा’ करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें शुरुआती दिनों में मंत्रिमंडल के बिना प्रशासन चलाना पड़ा और इसके बाद राज्य को विनाशकारी बाढ़ और कोरोनावायरस समेत कई समस्याएं झेलनी पड़ीं। 78 वर्षीय येदियुरप्पा ने बताया कि उनका त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया है। दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनाने के मुख्य कर्ता-धर्ता रहे येदियुरप्पा ने चार बार राज्य का नेतृत्व किया। भाजपा के सत्ता में आने और उनके मुख्यमंत्री बनने के समय की परिस्थितियों पर बात करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि वह 2023 के चुनावों के दौरान 225 में से 125-130 सीटें हासिल करके पार्टी को सत्ता में वापस लाने का प्रयास करेंगे।
इसके तुरंत बाद ही राज्यपाल के कार्यालय से एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि गहलोत ने येदियुरप्पा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उनकी अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। हालांकि राज्यपाल कार्यालय ने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक येदियुरप्पा मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे।
जल्द होगा फैसला
वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह ने येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद अगले मुख्यमंत्री के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस बारे में फैसला पार्टी के संसदीय बोर्ड और भाजपा के विधायकों पर छोड़ दिया गया है। सिंह ने दिल्ली में कहा, ‘अभी मैं कुछ नहीं कहूंगा। भाजपा ससंदीय दल और पार्टी विधायक दल की बैठक में अगले मुख्यमंत्री को लेकर निर्णय लिया जाएगा।’
यह पूछे जाने पर कि बैठक कब होने की संभावना है, उन्होंने कहा कि इस समय वह कुछ नहीं कह सकते। येदियुरप्पा के इस्तीफे के पीछे की वजहों के सवाल पर सिंह ने कहा कि वह खुद इस बारे में बता चुके हैं। अगले बेंगलूरु दौरे के बारे में भाजपा नेता ने कहा कि इस बारे में वह बाद में बताएंगे।
कई नामों की चर्चा
एक सवाल के जवाब में येदियुरप्पा ने कहा, ‘अगला मुख्यमंत्री कौन हो, इस पर मैं कोई प्रस्ताव नहीं दूंगा, यह फैसला आलाकमान को करना है। वे जिसे भी चुनेंगे, मैं सहयोग करूंगा और साथ काम करूंगा। मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता।’ येदियुरप्पा के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में जिन नामों की चर्चा चल रही है, उनमें केंद्रीय मंत्री प्रह्ललाद जोशी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि, राष्ट्रीय आयोजन सचिव बी एल संतोष और राज्य विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी शामिल हैं। गृह मंत्री बासवराज एस बोम्मई, राजस्व मंत्री आर अशोक और उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वत्थ नारायण के नाम भी चर्चा में हैं।
येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद सियासी उथल-पुथल के बीच राज्य विधानसभाध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की। विधानसभाध्यक्ष कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, कागेरी ने राज्यपाल को उनके सचिवालय द्वारा पिछले दो वर्षों में उनके अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। अपने कार्यकाल को ‘अग्नि परीक्षा’ बताते हुए हुए येदियुरप्पा ने कहा, ‘जब मैंने दो साल पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला तब मुझे केंद्र द्वारा मंत्रिमंडल का गठन करने की अनुमति नहीं दी गई थी, सूखा था और फिर बाढ़ आ गई थी और मुझे हर जगह अकेले यात्रा करनी पड़ी।’