महाराष्ट्र में बाढ़ और भारी बारिश से लगातार तबाही मची है। कई इलाके पूरी तरह डूब गए हैं। सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। हादसों से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। मुख्यमंत्री सहित राज्य के बड़े नेता बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौर करके नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ित तत्काल मदद चाहते हैं जबकि राज्य सरकार नुकसान का पूरा आंकलन करने के बाद मदद की घोषणा करने की बात कह रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खराब मौसम के कारण सतारा जिले के बाढ़ प्रभावित पाटन तालुका का दौरा सोमवार को रद्द करना पड़ा। पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण पाटन तालुका के अंबेघर और मीरगांव गावों में भूस्खलन की घटनाएं हुई थीं। राज्य सरकार के अनुसार सतारा जिले में 41 लोगों की मौत हुई है और 27 लोग लापता हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सांगली जिले के बाढ़ प्रभावित अनेक गांवों का सोमवार को दौरा किया और कुछ इलाकों में बाढ़ पीड़ितों के पास वह नाव के जरिये पहुंचे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत की और उन्हें पुनर्वास और राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री ने कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में भीषण बाढ़ से ग्रस्त चिपलून शहर का दौरा किया। उन्होंने निवासियों, व्यापारियों और दुकानदारों के साथ बातचीत की और क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का वादा किया। ठाकरे ने कहा कि उन्हें दीर्घकालिक राहत कार्यों के लिए केंद्रीय सहायता की आवश्यकता होगी और नुकसान के आकलन के लिए एक व्यापक डाटा तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सिर्फ लोकप्रियता के लिए मैं तुरंत ही कुछ भी घोषणा नहीं करूंगा, बल्कि राज्य की बाढ़ की स्थिति का सभी ओर से जायजा लेकर ही नुकसान के मुआवज़े के संदर्भ में मदद घोषित करने को लेकर निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल केवल आर्थिक मदद उपलब्ध करना ही नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर जो नुकसान हुआ है, उन नागरिकों को और व्यापारियों को फिर से खुद के पैरों पर खड़ा करने की ही प्राथमिकता रहेगी। व्यापारियों ने मुख्यमंत्री के सामने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा सब कुछ बरबाद हो चुका है, आप ही हमें मदद कर सकते है। मदद किए बगैर मत जाइए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से हमें अच्छी मदद मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है। एनडीआरएफ, सेना और हवाई दल की टीमें राज्य सरकार को बाढ़ की स्थिति में मदद कर रही है। मुख्यमंत्री के इस निरीक्षण दौरे में पालकमंत्री अनिल परब, उच्च एवं तकनीक शिक्षा मंत्री उदय सामंत, विधायक भास्कर जाधव आदि उपस्थित थे। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी भाजपा नेताओं के साथ राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायज ले रहे हैं।
महाराष्ट्र के रायगड जिला प्रशासन ने पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से तबाह तालिए गांव में लापता हुए 31 लोगों की तलाश का काम सोमवार को बंद कर दिया। जिलाधिकारी निधि चौधरी ने बताया कि अब तक गांव में 53 लोगों की मौत हो चुकी है और पांच लोग घायल हैं, इसके अलावा 31 लोग लापता हैं और प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया जाएगा। यह गांव राज्य के कोंकण क्षेत्र के रायगड जिले के महाड तहसील में आता है।
जिलाधिकारी निधि चौधरी ने बताया कि एनडीआरएफ और राज्य तथा ठाणे जिले के आपदा मोचन बलों की राय लेने के बाद तलाश अभियान बंद करने का निर्णय लिया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि बचाव अभियान आधिकारिक तौर पर बंद हो गया है। हमने तालिए से अपने दलों को वापस बुला लिया है। लापता 31 लोगों को प्रक्रिया पूरी होने के बाद मृत घोषित कर दिया जाएगा, लापता लोगों के रिश्तेदार कल से ही अभियान को बंद करने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जीवित बचे लोगों और लापता हुए लोगों के परिजन की भावनाओं का सम्मान करते हुए तलाश अभियान बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को गांव का दौरा कर कहा था कि भूस्खलन कई स्थानों पर जानलेवा साबित हुआ है और सरकार पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थायी तौर पर वहां से कहीं और बसाने की योजना तैयार करेगी।