कोरोना काल की दुश्वारियों और प्रतिबंधो के बाद भी उत्तर प्रदेश ने निर्यात के मोर्चे पर तरक्की की है। देश में सबसे ज्यादा निर्यात करने वाले शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश शामिल हो गया है। हस्तशिल्प, कपड़ों, खाद्य उत्पादों सहित साफ्टवेयर के निर्यात में आगे रहने वाले उत्तर प्रदेश में अब हार्डवेयर के सामानों का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने अलिगढ़ में हार्डवेयर पार्क के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
केद्र सरकार की ओर से जारी कड़ों के मुताबिक साल 2021-2022 में जनवरी महीने तक उत्तर प्रदेश से 1.25 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया जा चुका है। माना जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 1.50 लाख करोड़ तक पहुँच जायेगा। इससे ठीक पहले के वित्तीय वर्ष में 95980 हज़ार करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था। इन आंकड़ों को छूने के बाद निर्यात के मामले में उत्तर प्रदेश अब सिर्फ गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु से ही पीछे है।
प्रदेश के लघु उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मु य सचिव नवनीत सहगल के मुताबिक कोरोना काल में चौपट हुई अर्थव्यवस्था की गाड़ी उत्तर प्रदेश में तेज़ी से पटरी पर लौटती नजऱ आने लगी है। प्रदेश सरकार की योजना वर्ष 2027 तक अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डालर तक पहुंचाने की है। इस स बन्ध में योगी सरकार पेशेवर सेवायें लेने की भी तैयारी कर रही है। बीते सप्ताह ही इस संदर्भ में वैश्विक निविदा जारी कर सलाहकार फर्मों की सेवाएं मांगी गयी हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सलाहकार के चयन का काम नियोजन विभाग करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक योगी सरकार ने अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए लंबे समय तक बाकायदा तैयारी की। एक जिला एक उत्पाद योजना का मकसद भी यही था। उनका कहना है कि अब सरकार ने सभी 75 जिलों की विशिष्टताओं को पता कर लिया है। उपभोक्ता व सरकार को एक क्लिक पर पता चल जाता है कि निर्यात के लिए कौन सी वस्तु किस जिले में मिलेगी। इसी तरह से 17 क्षेत्रों से 100 उत्पादों को वैश्विक व्यापार के लिए चिह्न्ति किया गया। हस्तशिल्प, कालीन, बनारसी साड़ी, पीतल और चमड़े से बना सामान और खेल का सामान सबसे ज्यादा निर्यात हो रहा है और इसका फायदा निर्यातकों को भी हो रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो रहा है।
