उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बड़े पैमाने पर भवनों, फ्लैट व भूखंडों की शिकायतों को देखते हुए उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) अब नोएडा में ही मामलों की दैनिक सुनवाई करेगा।
यूपी रेरा में हाल में नियुक्त होने वाले दो सदस्य नोएडा क्षेत्रीय कार्यालय में बैठेंगे और आवंटियों की समस्याओं की सुनवाई नियमित रूप से करेंगे। फिलहाल यूपी रेरा में दाखिल होने वाले कुल वादों का 80 फीसदी अकेले एनसीआर क्षेत्र से आते हैं। इनमें में सबसे ज्यादा मामले धारा 63 के उल्लंघन के हैं जहां रेरा के आदेशों का अनुपालन बिल्डर की ओर से नहीं किया जा रहा है। इस धारा के तहत उत्तर प्रदेश में दर्ज कुल मामलों की 85 फीसदी नोएडा में जबकि 20 फीसदी प्रदेश के अन्य शहरों के हैं। वहीं रेरा की धारा 31 जिसके तहत देरी से कब्जा देने के मामले दर्ज किए जाते हैं उसमें भी सबसे ज्यादा शिकायतें एनसीआर में दर्ज की गई हैं। धारा 31 के तहत दर्ज कुल शिकायतों का 75 फीसदी एनसीआर से ही हैं।
यूपी रेरा की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक नव नियुक्त होने वाले दो सदस्य नोएडा क्षेत्रीय कार्यालय से प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। एनसीआर क्षेत्र में कार्य की अधिकता को देखते हुए प्राधिकरण द्वारा हितधारकों विशेषकर उपभोक्ताओं के हित में यह फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि सितंबर 2018 में गठन के समय ही एनसीआर के उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्धनगर में उत्तर प्रदेश रेरा का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया गया था। वर्तमान में एनसीआर क्षेत्र में बड़ी संख्या में शिकायतों को देखते हुए रेरा के 4 पीठ एनसीआर क्षेत्रीय कार्यालय में और 3 पीठ लखनऊ, मुख्यालय में हैं। यूपी रेरा में अब तक एनसीआर क्षेत्र के उपभोक्ताओं की 33825 शिकायतें तथा प्रमोटरों की 103 शिकायतों सहित कुल 33928 शिकायतें धारा-31 के तहत पंजीकृत हुई हैं। वहीं एनसीआर के बाहर के जिलों के आवंटियों की 10,741 शिकायतें पंजीकृत हुई हैं। इसी तरह धारा 63 के तहत आदेशों के कार्यान्वयन के मामलों की संख्या 4072 तथा नॉन एनसीआर में 696 है।