यह संभावना जताई जा रही है कि जम्मू कश्मीर के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला राज्य स्तरीय निवेश संवर्धन बोर्ड का गठन करेंगे।
इस बोर्ड की स्थापना राज्य के अंदर जटिल नौकरशाही प्रक्रिया को आसान बनने और निजी क्षेत्रों को आकर्षित करने के लिए की जाएगी।
राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव अभियान के दौरान एक अच्छे प्रशासन के लिए अब्दुल्ला की नेतृत्व वाली नेशनल कांग्रेस (एनसी) पार्टी ने एक ‘विजन दस्तावेज’ जारी किया था, जिसमें से यह एक महत्वपूर्ण बिन्दु है।
जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राठेर ने बताया कि पार्टी द्वारा जारी किया गया 53 पेज का विजन दस्तावेज सिर्फ चुनावी घोषणा पत्र का एक खाका नहीं है बल्कि राज्य को चलाने का एक ब्लूप्रिंट भी है। वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली एक समिति ने इस दस्तावेज को अंतिम रूप दिया था।
इस समिति में दो पूर्व सचिव- विजय बकाया और शेख गुलाम रसूल भी शामिल थे। दस्तावेज में कहा गया है कि सरकार मत्स्य पालन और बागवानी जैसी परंपरागत क्षेत्रों के विकास के अलावा लक्जरी होटलों, पर्यटन स्थलों, आधुनिक अस्पतालों, कॉल सेंटरों के निर्माण के लिए निजी क्षेत्रों द्वारा निवेश के अवसर पैदा किए जाएंगे।
पिछले कुछ सालों के दौरान यह देखने को मिला है कि खासकर प्रशासनिक समस्याओं की वजह से यहां आने वाली निजी कंपनियां निवेश को लेकर बहुत दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं।
इस दस्तावेज में यह कहा गया है कि प्रस्तावित स्वायत्त संस्था आईपीबी प्रशासनिक समस्याओं को दूर करने की कोशिश करेगा और निवेशकों में रुचि पैदा करने के उपायों का सुझाव देगा। उमर अब्दुल्ला की सरकार बिजली क्षेत्र में निजी निवेशकों को प्रोत्साहित करने की कोशिश करेगी।