चार सालों के लंबे अंतराल के बाद चुनावी बेला में उत्तर प्रदेश के किसानों को गन्ने की बेहतर कीमत मिलने की आस जगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके संकेत देते हुए कहा है कि सरकार गन्ना मूल्य बढ़ाने पर विचार कर रही है और सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत कर इसका फैसला लिया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि के बाद जल्दी ही उत्तर प्रदेश सरकार भी इसका एलान कर सकती है। इतना ही नहीं इस बार प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को समय से पेराई सत्र शुरू करने के भी निर्देश जारी कर दिए हैं।
गौरतलब है कि बीते कई सालों से उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया है जबकि किसान लगातार इसकी मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कहा हैकि इस बार पेराई सत्र की शुरुआत से पहले ही गन्ना किसानों को पूरा बकाया भुगतान कर दिया जाएगा। किसानों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मौजूदा पेराई सत्र का 82 फीसदी भुगतान किया जा चुका है और नए सत्र के पहले सौ फीसदी भुगतान कर दिया जाएगा। हाल ही में पेश किए गए अनुपूरक बज में प्रदेश सरकार ने सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को गन्ना बकाया भुगतान देने के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 20 अक्टूबर से, मध्य य़ूपी में 25 अक्टूबर से तो पूर्वांचल में नवंबर के पहले सप्ताह से चीनी मिलें शुरू कर दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने साल 2010 से लंबित पड़े गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए बेहतर रणनीति बनाकर अब तक 1.42 लाख करोड़ रुपये का भुगतान कराया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी प्रदेश में चीनी मिलें चलती रहीं। साथ ही, रमाला, मुंडेरवा व पिपराइच में नई चीनी मिलों की स्थापना की गई। खांडसारी उद्योग में लाइसेंस की व्यवस्था को समाप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को एसएमएस पर्ची व्यवस्था उपलब्ध करायी गई है और घटतौली को न्यूनतम स्तर पर लाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष (पराली) जलाने के कारण किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस होंगे और जुर्माना समाप्त करने पर जल्द फैसला लिया जाएगा।
